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बुर्का पहनकर स्टेडियम में एंट्री नहीं मिली, महिला के सपोर्ट में अधिकारी से बीजेपी नेता लड़े

उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में पहुंची 3 महिलाओं को अपने बुर्के के चलते जिला खेल अधिकारी के विरोध का सामना करना पड़ा है.

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बुर्का पहनकर स्टेडियम में एंट्री नहीं मिली (सांकेतिक फोटो)
बुर्का पहनकर स्टेडियम में एंट्री नहीं मिली (सांकेतिक फोटो)

कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद अभी ढंग से शांत भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में पहुंची 3 महिलाओं को अपने बुर्के के चलते जिला खेल अधिकारी के विरोध का सामना करना पड़ गया . यही नहीं दोनों पक्षों की ओर से इस विवाद पर तीखी बहस तक हुई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. महिलाएं बुर्के को लेकर की गई टोका टोकी से स्पोर्ट्स अधिकारी से खफा दिखाई दीं तो वहीं स्पोर्ट्स अधिकारी उन्हें बुर्का पहनकर स्टेडियम में नहीं आने से संबंधित नियम और शासन की मंशा को जाहिर करते नजर आए.

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बुर्के पर विवाद क्यों हुआ?
 
दरअसल जनपद रामपुर मे बवनपुरी स्थित शहीद-ए-आजम स्पोर्ट्स की प्रशासनिक और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी जिला खेल अधिकारी नवीन कुमार के कंधे पर है. 5 जून को एक ऐसा वाक्य स्टेडियम में हुआ कि जिससे बवाल मच गया. अब हुआ यूं कि सना नाम की महिला अपनी मां और बहन के साथ स्टेडियम पहुंची थी. उन्हें अपनी बेटी का वहां पर स्विमिंग के लिए एडमिशन करवाना था. इस बीच वहां दाखिल होने पर तीनों ही महिलाओं ने बुर्का पहन रखा था. तीनों ही महिलाएं किसी कारणवश ट्रैक पर पहुंच गईं. यह देख कर जिला खेल अधिकारी नवीन कुमार भी मौके पर आ गए. उन्होंने महिलाओं से बुर्का पहनकर स्टेडियम मे आने को लेकर सवाल किया जिस पर दोनों पक्षों की ओर से विवाद गहरा गया.

स्विमिंग एडमिशन का क्या मामला?

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खेल अधिकारियों ने नियम और शासन की मंशा के बारे में बताते का प्रयास किया जिस पर महिला पक्ष के कुछ लोग आ गए और एक बार फिर गहमागहमी का माहौल शुरू हो गया. इस बीच किसी ने घटना का वीडियो बना लिया और इसे तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल कर डाला. महिला का कहना है कि वह अभिभावक के तौर पर अपनी बच्ची को लेकर स्टेडियम पहुंची थी. उनके साथ उनकी मां और बहन भी थी जो बुर्का पहने .थे वह वहां पर किसी खेल में भाग लेने नहीं बल्कि अपनी बच्ची को स्टेडियम पहुंचाने गई थी. इस बीच जिला खेल अधिकारी ने उनके साथ अभद्रता करते हुए बुर्के को लेकर टोका टाकी की है और बच्ची के एडमिशन को निरस्त कर डाला है 

कुछ इसी तरह जिला खेल अधिकारी नवीन कुमार का आरोप है कि उनके साथ महिलाओं ने अभद्रता की है. वह बुर्का पहनने के बाद नियम विरुद्ध तरीके से स्टेडियम में दाखिल हुई थीं और उन्होंने इसी को लेकर टोका टाकी की जो महिलाओं को नागवार गुजरी. इस पूरी घटना के बारे में महिला कहती हैं कि मैं इस्लाम से रिलेटेड हूं, मुस्लिम हूं तो मैं बुर्के में गई थी, मेरी मम्मी भी गुस्से में थी. उन्होंने यही बात बोली कि आप बुर्के में नहीं आएंगी, यह स्टेडियम है, बाहर बोर्ड लगा हुआ है. जब हमने पूछा कि कहा लिखा है तो वो बदतमीजी करने लगे. महिला ने ये भी दावा कर दिया कि उनकी बेटी का एडमिशन फॉर्म भी वापस कर दिया गया. जो पैसे दिए गए थे, वो उन्हें वापस लौटा दिए गए.

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बीजेपी नेता की कैसे एंट्री हो गई?

वैसे इस पूरे मामले का एक पहलू ये भी है कि वो महिला अपनी चार की बेटी को स्विमिंग की ट्रेनिंग दिलवाना चाहती थी. लेकिन खेल अधिकारी ने यह कहकर मना कर दिया कि उनकी बेटी काफी छोटी है और उसको यहां पर ट्रेनिंग नहीं दिलवाई जा सकती. इस पर महिला ने कहा था कि वो अगले दिन लड़की को उसके चाचा के साथ भेज देगी. उनकी देखरेख में वो स्विमिंग कर लेगी. लेकिन आरोप ये है कि अगले दिन वो चाचा ही बिना स्विमिंग कास्ट्यूम के स्विमिंग पूल में कद गया जिस वजह से विवाद और ज्यादा बढ़ गया. इस पूरे मामले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष वसीम खान ने भी सक्रिय भूमिका निभाई. जब महिला ने उस अधिकारी की शिकायत की तो सबसे पहले वसीम खान ही मौके पर पहुंचे थे. कहा जा रहा है कि उनकी अधिकारी से काफी कहासुनी हुई थी.

इस पूरे मामले में जिला खेल अधिकारी का सिर्फ इतना कहना है कि उन्होंने महिलाओं को जाने से इसलिए रोका था क्योंकि वे स्टेडियम में टहलना चाहती थीं. लेकिन वहां पर बुर्के में नहीं आया जा सकता है. इसी बात पर महिलाओं से बहस हो गई थी.

रेणु श्रीवास्ताव की रिपोर्ट

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