यूपी के बाराबंकी में पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद कई दिग्गज नेता मैदान में हैं. जिले के चार बार सांसद रहे राम सागर रावत ने भी पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए अपनी ताल ठोक दी है. रामसागर रावत समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के काफी नजदीकी रहे हैं. अब वह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत कर जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर काबिज होना चाहते हैं.
कहा जाता है कि जिसपर एक बार सत्ता या माननीय बनने का नशा चढ़ जाता है, वह मलाईदार पदों को छोड़ना नहीं चाहता है. ऐसे ही बाराबंकी से चार बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता राम सागर रावत भी जिला पंचायत अध्यक्ष की मलाईदार कुर्सी पर नजर जमाए हुए हैं.
वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिद्धौर (चतुर्थ) क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. इस सीट पर जीत हासिल करने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर काबिज होंगे.
पूर्व सांसद राम सागर रावत का समाजवादी पार्टी से काफी पुराना रिश्ता है. वे मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के काफी करीबी हैं. इनके पुत्र राममगन रावत भी 2 बार सपा से विधायक रह चुके हैं. खुद रामसागर 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़े हुए लेकिन कुछ वोटों से हार गए थे. इससे पहले वह 1989,1991,1996 और 1999 में बाराबंकी लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
जिलापंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई है. ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष के अहम पद को हासिल करने के लिए रामसागर रावत को पहले सदस्य पद (डीडीसी) का चुनाव जीतना होगा. तब सारे सदस्य मिलकर फिर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए वोट करेंगे और एक सदस्य को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएंगे.
पांच साल बाद होने वाले सबसे बड़े पंचायत चुनाव में कई पार्टियों के दिग्गज नेता भी मैदान में उतरेंगे. जिससे चुनाव काफी रोचक हो सकता है. वैसे पूर्व सांसद के पंचायत चुनाव में उतरने से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चार बार के सांसद रहे राम सागर रावत का जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ना इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.