राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी सांसद राम विलास वेदांती ने 'आज तक' के साथ खास बातचीत में बताया कि अयोध्या में जल्द श्रीराम मंदिर निर्माण का काम शुरू होगा और यह 2019 के चुनाव के पहले ही होगा.
राम विलास वेदांती ने बताया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पहले अटकलें लगाई जाती थीं कि श्रीराम मंदिर बनेगा या नहीं लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये अटकलें खत्म हुईं और लोगों को भरोसा हो गया है कि मंदिर का निर्माण प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होकर रहेगा.
राम विलास वेदांती ने बताया कि बीजेपी के अलावा कोई और पार्टी नहीं चाहती कि अयोध्या में रामजी का मंदिर बने. उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल मूर्ति देखने के बाद प्रभावित हुए और फैसला किया कि दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा श्रीराम की बनेगी और वह भी अयोध्या में सरयू के तट पर.
गौरतलब है कि योगी सरकार अयोध्या में 151 मीटर ऊंची राम की तांबे की प्रतिमा बनवाने जा रही है. इस प्रतिमा को 36 मीटर के चबूतरे पर रखा जाएगा. बता दें कि पिछले साल योगी सरकार ने 100 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा लगाने की योजना का एलान किया था. तब 'नव्य अयोध्या' योजना के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने राज्यपाल राम नाईक को प्रपोजल भी दिखाया था.
पर्यटन विभाग की ओर से भगवान राम की प्रतिमा को लेकर मई 2018 में योजना बनाई गई थी. 'नया अयोध्या' योजना के तहत सरयू नदी के किनारे प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा. इस पर 330 करोड़ रुपए तक के खर्च का अनुमान है. इसके साथ ही सरकार रामकथा गैलरी, पर्यटकों के ठहरने के स्थल, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा, पुलिस बूथ, आवागमन के साधन सहित अन्य नागरिक सुविधाएं जैसे शौचालय और जल निकासी की समुचित व्यवस्था करेगी. इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि दिवाली पर वह बड़ी खुशखबरी लेकर अयोध्या जा रहे हैं.