यूपी के हमीरपुर रेप केस में नया मोड़ आ गया है. यूपी पुलिस ने गृहमंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में महिला के साथ रेप की बात से इनकार किया है. यूपी पुलिस के मुताबिक हमीरपुर पुलिस स्टेशन में जिस महिला ने थाने में रेप का आरोप लगाया था, मेडिकल जांच में उससे रेप की पुष्टि नहीं हुई है.
साथ ही पुलिस ने कहा है कि जब महिला पुलिस स्टेशन आई और उसने जिस एसआई पर रेप का आरोप लगाया, दरअसल उस वक्त वह एसआई पुलिस स्टेशन में था ही नहीं. पुलिस के मुताबिक पुलिस द्वारा घूस लेने का भी आरोप गलत है.
हमीरपुर के थाना सुमेरपुर के अंदर हुए महिला के साथ रेप के मामले ने पूरे उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है. महिला अपने पति को छुड़ाने के लिए थाने में पहुंची पर थाने के दरोगा राहुल पाण्डेय और तीन सिपाहियों ने महिला से रात में एक बजे थाने के अंदर बलात्कार किया. एसपी के आदेश पर दरोगा और तीन सिपाहियों के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज हो गया है.
जनता की सुरक्षा करने का दम भरने वाली खाकी एक बार फिर सवालों के घेरे में है .सुमेरपुर थाने में अपने पति को छुड़ाने पहुंची महिला के साथ वहां मौजूद एक दरोगा और तीन सिपाहियों ने बंधक बना कर गैंगरेप किया. पुलिस ने इस महिला के पति को दफा 25 में सुमेरपुर थाने में बंद किया गया था और 20,000 रुपये कि मांग भी कर रहे थे.
आए दिन हो रहे बलात्कार से उत्तर प्रदेश थर्राने लगा है और अब इसकी गूंज विदेशी मीडिया में भी सुनाई देने लगी है. उत्तर प्रदेश के मुखिया सूबे में बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुधरने के लिए अधिकारियों की मिटिंग ले रहे है, लेकिन बलात्कार की घटनाएं हैं कि थमने का नाम नहीं ले रही है और यह घटनाएं थामें भी तो कैसे जब लोगों कि सुरक्षा का दंभ भरने वाली खाकी खुद ही ऐसी घिनौनी हरकत करने लगेगी.