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ग्रेटर नोएडा में रेटिंग: अब आप जान पाएंगे किस सोसाइटी में कितनी बढ़िया हैं मेंटेनेंस सेवाएं

Rating in greater noida: बिल्डरों ने रखरखाव के लिए कंपनी भी खुद से तय कर रखी है. वह कंपनी ही निवासियों से मेंटेनेंस शुल्क लेती है और सोसाइटी को मेंटेन करती है. वहीं, कुछ जगह अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन बन गया है, जिससे रखरखाव कराने का जिम्मा एओए के प्रतिनिधियों पर आ गया है.

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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही करीब 200 बिल्डर सोसाइटियां हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही करीब 200 बिल्डर सोसाइटियां हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मेंटेनेंस की समस्या हल करने को सोसाइटियों की रेटिंग कराएगा ग्रेनो प्राधिकरण
  • सोसाइटियों में मेंटेनेंस की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्राधिकरण की पहल

Societies Rating In Greater Noida: ग्रेटर नोएडा स्थित बिल्डर सोसाइटियों में रहने वालों के लिए यह राहत की खबर है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मेंटेनेंस की समस्या का समाधान निकालने के लिए सोसाइटियों की रेटिंग कराने का फैसला किया है, जो सोसाइटी जितनी अच्छी तरीके से मेंटेन की जा रही है, उसे रेटिंग भी उतनी ही अधिक मिलेगी और जिस सोसाइटी में सुविधाएं खराब होंगी, उसे कम रेटिंग मिलेगी. इससे खरीदारों को पता चल सकेगा कि कौन-सी सोसाइटी कितने अच्छे से मेनटेन हो रही है. इससे उस सोसाइटी की देखरेख करने वाली कंपनी के बारे में भी निवासी जागरूक हो सकेंगे.

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फ्लैट खरीदारों के मसले को सुलझाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर प्राधिकरण का बिल्डर सेल नियमित रूप से बिल्डर-बायर्स बैठकें कर रहा है. प्राधिकरण के ओएसडी और बिल्डर सेल के प्रभारी संतोष कुमार इन बैठकों की अगुवाई करते हैं. अब तक 35 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं. इन सभी बैठकों से एक बात यह निकलकर आई कि अधिकतर बिल्डर सोसाइटियों के निवासी रखरखाव की समस्या से परेशान रहते हैं. सोसाइटी को मेंटेन करने वाली कंपनियां निवासियों को अच्छी सेवाएं नहीं दे पा रहीं. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही करीब 200 बिल्डर सोसाइटियां हैं. इनमें से कुछ सोसाइटियों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी अभी तक बिल्डरों पर ही है.

मेंटेनेंस शुल्क लेती है कंपनी

बिल्डरों ने रखरखाव के लिए कंपनी भी खुद से तय कर रखी है. वह कंपनी ही निवासियों से मेंटेनेंस शुल्क लेती है और सोसाइटी को मेंटेन करती है. वहीं, कुछ जगह अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन बन गया है, जिससे रखरखाव कराने का जिम्मा एओए के प्रतिनिधियों पर आ गया है. वे खुद से ही सोसाइटी के रखरखाव के लिए कंपनी नियुक्त कर सकते हैं. प्राधिकरण का मानना है कि अगर अच्छी कंपनी सोसाइटी को मेंटेन करेगी, तो निवासियों की रखरखाव से जुड़ी शिकायत भी दूर हो जाएगी. इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने मेंटेनेंस के आधार पर सोसाइटियों की रेटिंग कराने का फैसला किया है. रखरखाव से जुड़े 10 या अधिक पैरामीटर तय कर दिए जाएंगे, जो सोसाइटी जितना अधिक पैरामीटर को पूरा करेगी, उसकी रेटिंग उतनी ही अच्छी होगी. कम पैरामीटर को पूरा करने वाली सोसाइटी की रेटिंग भी कम होगी. सोसाइटीवासियों के फीडबैक के आधार पर रेटिंग की जाएगी. इसके लिए जल्द ही एक टीम गठित करने की तैयारी है. 

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इसलिए सुविधाओं को पूरा करेंगी कंपनियां

प्राधिकरण का मानना है कि रेटिंग होने से रखरखाव का जिम्मा संभाल रहीं कंपनियां अपनी छवि बनाए रखने के लिए सुविधाओं को पूरा करने की और कोशिश करेंगी. अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि अच्छी कंपनियों को सोसाइटी के रखरखाव के लिए नियुक्त कर सकेंगे. हाल ही में इस मसले पर प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के समक्ष प्रस्तुतिकरण भी हुआ है. सीईओ ने प्राधिकरण के बिल्डर सेल इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, ताकि शीघ्र ही इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा सके.

मेंटेनेंस से जुड़ी समस्या दूर होगी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि रखरखाव (मेंटेनेंस) से जुड़ी समस्या को हल करने के लिए ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित बिल्डर सोसाइटियों की रेटिंग कराने पर विचार किया जा रहा है. रेटिंग से सोसाटियों के मेंटेनेंस से जुड़ी कंपनियों के बारे में भी पता चल सकेगा. सोसाइटी की खराब रेटिंग से कंपनी की छवि भी खराब होने का डर रहेगा. इससे कंपनियां भी और बेहतर मेंटेनेंस सुविधाएं देने की कोशिश करेंगी. साथ ही अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भी  इन कंपनियों के बारे में पता चल सकेगा, जिससे वे अच्छी कंपनियों को अपने यहां तैनात कर सकेंगे. अच्छी कंपनी के आने से मेंटेनेंस से जुड़ी समस्या दूर होगी.

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