उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रशासनिक अमले को निर्देश दिए थे कि 15 जून के पहले उत्तर प्रदेश में सभी सड़कों के गड्ढे भर दिए जाएं और टूटी सड़कों की मरम्मत कर दी जाए. योगी द्वारा दी गई डेडलाइन खत्म होने को है ऐसे में योगी के आदेश के बाद यूपी में सड़कों पर जमीनी स्तर पर कितना काम हुआ इसकी हकीकत जानने के लिए आजतक ने किया रियलिटी टेस्ट. हम आपको पश्चिमी यूपी के दो धार्मिक शहरों वृदावन और मथुरा के सड़कों की वास्तविकता दिखा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की सड़कों का हाल जानने के लिए आजतक पहुंचा पश्चिम उत्तर प्रदेश के वृंदावन शहर में. एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे पार करने के बाद वृंदावन शहर में घुसते ही हमारी नजर पड़ी सड़क के बीचों-बीच बने गड्ढे पर. इस राह से रोज हजारों मुसाफिर रास्ता तय कर बांके बिहारी का दर्शन करने आते हैं.
एक्सीडेंट को दावत देते हैं गड्ढे
इस सड़क पर यह बड़े-बड़े गड्ढे बेहद पुराने हैं और आए दिन हादसों को न्योता देते हैं. वीना देवी यहां दुकान चला रही हैं और महीनों से इस गड्ढे को और यहां होने वाले हादसों को देखती हैं. हमने पूछा कि क्या कोई इन गड्ढों की सुध लेने आया
था, सुनिए वीना देवी ने कहा, ' यह गड्ढे ऐसे ही पड़े हुए हैं, कोई बनाने के लिए नहीं आया. अक्सर यहां पर एक्सीडेंट हो जाता है लोग कई बार गाड़ी से गिर जाते हैं, लेकिन फिर भी इन की मरम्मत नहीं हुई. अखिलेश यादव के शासन काल से ही
यह गड्ढे इन सड़कों पर बने हुए हैं.'
विद्यापीठ रास्ते से आगे जाकर हम पहुंचे वृंदावन नगर पालिका परिषद वाली सड़क पर. ऐसी सड़कों पर बने गड्ढे बता रहे हैं कि नगर पालिका परिषद अपनी जिम्मेदारी किस तरह से निभा रही है. आसपास भी कहीं इन गड्ढों को भरने का काम होता दिखाई नहीं देता.
वृंदावन और उसके आसपास की ज्यादातर सड़कें अच्छी अवस्था में हैं, लेकिन जो सड़के टूटी हुई थीं और जहां पर गड्ढे बने हुए हैं, वहां पर कहीं भी मरम्मत का काम होता दिखाई नहीं दे रहा. हालांकि कई जगहों पर सड़कों के नीचे बने सीवर लाइन की मरम्मत का काम होता जरूर दिखाई पड़ा. जल निगम बाढ़ से निपटने के लिए मानसून आने से पहले इन सड़कों के नीचे सीवर की सफाई का काम कर रहा है ताकि जनता को दिक्कत ना हो.
मथुरा में भी हालत खराब
वृंदावन में सड़कों का रियलिटी टेस्ट करने के बाद हम आगे बढ़े मथुरा की तरफ. वृंदावन से मथुरा के बीच की सड़क बेहद अच्छी अवस्था में है, लेकिन जैसे ही राजमार्ग से हटकर मथुरा शहर महेंद्र की ओर बढ़ेंगे टूटी हुई सड़कें और खुले हुए नाले
दिखाई देने लगेंगे. सड़कों पर इतने बड़े गड्ढे कि अंधेरे में तेज रफ्तार आती गाड़ी कभी भी हादसे को अंजाम दे सकती है.
मथुरा में डैंपियर इलाके में ज्यादातर समृद्ध लोग रहते हैं. सड़कों के बीच गड्ढे तो हैं हीं, सड़क के नीचे बना हुआ नाला मुंह खोलकर हादसों को न्योता दे रहा है. नाले का हिस्सा टूटा पड़ा है तो कहीं- कहीं उसका मुंह खुला हुआ है. सड़क के बीचों-बीच ऐसी स्थिति देखकर साफ समझिए की योगी के आदेश देने के बाद भी कोई भी इनकी सुध लेने नहीं आया. आसपास से गुजरते राहगीरों ही बता रहे हैं कि इस इलाके की सड़कों के बारे में क्या राय है. मथुरा में एक राहगीर ने बताया, 'कई जगह पर गड्ढे भर गए हैं, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया है. कई जगह पर अभी भी गड्ढे हैं. 15 जून तो कल ही है, तब तक सारे गड्ढों को भरना संभव नहीं होगा. कुछ इलाकों में काम शुरू हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत काम बाकी है. सड़के टूटी पड़ी हैं, जिनके चलते पहिए खराब हो जाते हैं. मथुरा में बहुत गड्ढे हैं. अभी तक कहीं भी काम दिखाई नहीं दे रहा.
मथुरा मंडी के बाहर की सड़क पर ही ही गड्ढे और उसमें जमा थोड़ा-बहुत पानी आपको दिख जाएगा. जाहिर है इन सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है. आगे चलते हैं मथुरा के पुष्पांजलि उपवन इलाके में. इस इलाके में सड़कों की मरम्मत का ज्यादातर काम मथुरा विकास परिषद के अंदर है, लेकिन विकास परिषद ने इन सड़कों का कितना विकास किया है, यह इन तस्वीरों में ही देख लीजिए. सड़क के बीचों-बीच इतना बड़ा गड्ढा की दो पहिया वाहन भी उसमें गिर जाए. इन गड्ढों के समर्थन में कई और छोटे-छोटे गड्ढे भी यहां राहगीरों और सरकार को मुंह चिढ़ा रहे हैं. मथुरा शहर की सड़क किसी गांव-कस्बे के अंदरूनी टूटी-फूटी सड़कों को भी मात दे रही है. सुनिए इन रास्तों से गुजरने वाले और आसपास के लोगों का क्या कहना है.
एक अन्य राहगीर ने कहा, ' यह सड़क बहुत दिनों से ऐसे ही है, कई बार मेरा रिक्शा पलट जाता है. कहीं पर भी सड़कें बनती हुई नहीं दिख रही है. इससे आगे तो रास्ता और भी खराब है. बरसात में यह गड्ढे पर जाते हैं तो हमें बहुत परेशानी होती है. बरसात में यहां 2 फीट तक पानी भर जाता है. विकास प्राधिकरण कोई काम नहीं कर रहा है.'
सड़कों की मरम्मत का रियलिटी चेक करने के लिए हम जा पहुंचे मथुरा के कृष्ण जन्म स्थान पर. मंदिर के चलते यहां हजारों श्रद्धालु रोज आते हैं. कृष्ण जन्म स्थान मंदिर के बाहर की सड़कों पर योगी के आदेश का असर साफ दिख रहा है. सड़कों पर मामूली और छोटे गड्ढे थे, लेकिन योगी के आदेश के बाद उनको भर दिया गया है. सड़कों पर पैच लगाए जाने का काम साफ-साफ दिख रहा है, लेकिन यह गड्ढे महज खानापूर्ति के लिए भरे गए हैं. मरम्मत की गुणवत्ता देखकर नहीं लगता कि यह गड्ढे इस बरसात को भी झेल पाएंगे. खुद आसपास के दुकानदार कह रहे हैं किन गड्ढों को ठीक 1 दिन पहले ही भरा गया है.
कृष्ण जन्म स्थान , मथुरा के एक दुकानदार ने बताया, 'यह सड़क तो कल ही भरी गई है. आसपास के कई इलाकों में गड्ढे भर दिए गए हैं, कुछ जगहों पर अभी भी काम बाकी है.'
मथुरा शहर से बाहर निकलकर थोड़ा बाहर के इलाकों में चलते हैं... मथुरा शहर से 9 किलोमीटर दूर वह मार्ग है जो मथुरा को राजस्थान के भरतपुर शहर से जोड़ता है. इस सड़क पर काफी हद तक डबल लेयर बिछाने का काम एक तरफ पूरा हो चुका है. साथ ही सड़कों पर कई जगह गड्ढे भरने और उनकी मरम्मत के ताजा निशान दिखाई दे रहे हैं. सड़क पर कई जगहों पर ताजा पैच लगे हुए हैं, जिससे पता चलता है कि इन सड़कों की पहले क्या दुर्गति थी. मथुरा से भरतपुर के बीच सड़कों के गड्ढे काफी हद तक भर दिए गए हैं और इनकी मरम्मत की जा चुकी है. जाहिर है योगी के आदेश का असर इस इलाके में दिखाई दे रहा है. हालांकि आगे चलने के बाद सड़कों की टूटी हालत जस की तस बनी हुई है.