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माघ मेला में संतों ने तो लखनऊ ईदगाह में फिरंगी महली ने फहराया तिरंगा

देश आज 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. मुल्क के अलग-अलग हिस्सों में लोग राष्ट्रीय पर्व को मना रहे हैं. इस कड़ी में इलाहाबाद के माघ मेला में साधु संतों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर जश्न मनाया.

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माघ मेला में संतों ने फहराया तिरंगा
माघ मेला में संतों ने फहराया तिरंगा

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देश आज 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. मुल्क के अलग-अलग हिस्सों में लोग राष्ट्रीय पर्व को मना रहे हैं. इस कड़ी में इलाहाबाद के माघ मेला में साधु संतों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर जश्न मनाया.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के संगम तट पर माघ मेला चल रहा है. देश भर के साधु संत संगम के तट पर एकजुट हुए हैं. गणतंत्र के मौके पर सभी साधु संतों ने मिलकर राष्ट्रीय पर्व को मनाया. इस मौके पर संतों ने तिरंगा फहराकर सलामी दी.

वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर हैदराबाद से मदीना सर्किल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दारुल उलूम निजामिया फिरंगी महल मदरसे में गणतंत्र दिवस के मौके पर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

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गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर में कई जगह कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं. राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

आसियान से मेहमान बुलाने की ये है नीति

हर साल हमारा देश गणतंत्र दिवस के समारोह में किसी राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित करता है. इस बार सिर्फ एक नहीं बल्‍कि आसियान के 10 राष्ट्राध्यक्ष गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बन रहे हैं. साल 1950 से ही गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट का एक प्रतीकात्मक महत्व रहा है. वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका और नीति के मुताबिक यह चुनाव किया जाता रहा है.इस साल आसियान के देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाना इस बात का प्रतीक है कि पूर्वी एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत 'एक्ट ईस्ट' नीति पर जोर दे रहा है.

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