गौरतलब है कि अखबार के फोटोग्राफर प्रवीन जैन ने हाशिमपुरा नरसंहार को अपनी आंखों से देखा था, और अखबार में घटना की कहानी लिखी थी.
लेफ्टिनेंट जनरल पनाग ने अपने ट्वीट ने लिखा कि हाशिमपुरा नरसंहार में सेना की संदिग्ध भूमिका शर्मनाक है. गौरतलब है कि 21 मार्च को सेशन कोर्ट ने पीएसी के 16 जवानों को रिहा कर दिया था. हाशिमपुरा दंगे में इन लोगों पर 42 मुसलमानों के नरसंहार का आरोप था.
पनाग ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि इस तरह की कार्रवाई पहले कभी नहीं देखी, जिस तरह की तस्वीरें दिखा रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि यूनिट के संदर्भ में सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी और अगर यह अपवाद है, तो इस मामले में जांच होनी चाहिए.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'इंडियन आर्मी की विचलित करने वाली तस्वीरें पहले कभी नहीं देखीं.'
हालांकि सेना की भूमिका पर पनाग के सवाल उठाने के बाद उनकी आलोचना भी हुई. इस पर पनाग ने इस संदर्भ में 'चीफ को पत्र लिखने की बात की.'