मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस समय रिटायर ऑफिसरों पर काफी मेहरबान नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री के सचिव पद पर तैनात शंभू सिंह यादव और मुख्यमंत्री के ओएसडी जगदेव सिंह यादव का कार्यकाल 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
मौजूदा समय में कई रिटायर आईएएस और पीसीएस अफसरों की अखिलेश सरकार में मुख्य भूमिका है. अखिलेश सरकार को सर्विंग अफसरों से ज्यादा रिटायर्ड अफसरों पर भरोसा है. यही वजह है कि अखिलेश सरकार ने पिछले तीन साल में कई की-पोस्ट पर रिटायर्ड अधिकारियों को ही बैठा रखा है. इनमें से ऐसे कई अफसर हैं, जो सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के काफी खास रहे हैं.
ऐसे अफसरों की संख्या एक या दो नहीं, बल्कि कम से कम दस है. इन्हें रिटायरमेंट के बावजूद सर्विस एक्सटेंशन दिया गया. ऐसा नहीं है कि इन अफसरों में काबिलियत नहीं है, लेकिन विपक्ष तो सवाल खड़े ही करेगा. बहरहाल, रिटायर्ड अफसर सीएम ऑफिस से लेकर कई विभागों में विराजमान हैं और सीएम के वादों को पूरा करने का मोर्चा संभाले हुए हैं.
इन अफसरों का बढ़ाया कार्यकाल
जानकारी के मुताबिक यूपी सरकार ने जिन अफसरों का कार्यकाल बढ़ाया है, उनमें सचिव मुख्यमंत्री शंभू सिंह यादव, ओएसडी सीएम जगदेव सिंह यादव, सचिव सचिवालय प्रशासन प्रभात मित्तल, सचिव गृह एवं गोपन एसके रघुवंशी और सचिव नगर विकास के पद पर तैनात श्रीप्रकाश सिंह शामिल हैं.
इनका भी बढ़ा है कार्यकाल
इसके अलावा विशेष सचिव गोपन कृष्ण गोपाल, विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात आरडी पालीवाल, राज्य निर्वाचन आयोग में विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात जय प्रकाश सिंह और निदेशक नागरिक उड्डयन देवेंद्र स्वरूप का कार्यकाल भी बढ़ा है. अखिलेश रिटायर्ड अफसरों पर ज्यादा भरोसा करते हैं. यही कारण है कि सचिव नगर विकास एसपी सिंह को रिटायरमेंट के बाद भी उसी पद पर बिठाए रखा गया. ठीक इसी तरह मुख्यमंत्री की कोर टीम के सदस्य के तौर पर गिने जाने वाले शंभू सिंह यादव लगातार कई सालों से सचिव के पद पर बने हुए हैं.
इन पर मेहरबानी के चर्चे
सचिव नागरिक उड्डयन, गृह व गोपन एसके रघुवंशी और निदेशक नागरिक उड्डयन देवेंद्र स्वरूप पर सचिवालय के अफसरों में मुख्यमंत्री प्रमुख सचिव अनीता सिंह की मेहरबानी की चर्चा है. कहा जा रहा है कि चूंकि अनीता सिंह के पास प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन का चार्ज है, इस लिए इन दोनों अफसरों का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ा है.
दागी अफसरों पर भी मुख्यमंत्री ने किया भरोसा
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने सूबे के कई दागी आईएएस अफसरों पर भी भरोसा जताया है. अब तक हाईकोर्ट से सजायाफ्ता राजीव कुमार सरकार की नींव का पत्थर बने हुए थे. उन्हें प्रमुख सचिव नियुक्ति व कार्मिक जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी. पर हाईकोर्ट के सख्त रूप के बाद अब उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है. हालांकि संजीव सरन, प्रदीप शुक्ला, राकेश बहादुर अब भी भरोसेमंद बने हुए है.