scorecardresearch
 

मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर बढ़ी अखिलेश सरकार की परेशानी

मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर अखिलेश सरकार की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां रुक-रुककर मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़क रही है, वहीं दंगा पीड़ित लोगों का आरोप है कि अखिलेश सरकार सही ढंग से कारवाई नहीं कर रही है. यह नहीं आरोप है कि दंगे के आरोपियों को बचाने का प्रयास भी कर रही है.

Advertisement
X
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर अखिलेश सरकार की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां रुक-रुककर मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़क रही है, वहीं दंगा पीड़ित लोगों का आरोप है कि अखिलेश सरकार सही ढंग से कारवाई नहीं कर रही है. यह नहीं आरोप है कि दंगे के आरोपियों को बचाने का प्रयास भी कर रही है.

Advertisement

शनिवार को लखनऊ में मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों ने एक जुलूस निकाला. इनका आरोप है कि सरकार के लोग ही हिंसा के आरोपियों का बचाव कर रहे हैं और सरकार दंगों में हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने से भी बच रही हैं. ऐसे आरोपों के साथ, खुद को अल्पसंख्यकों का रहनुमा बताने वाली समाजवादी सरकार की मुश्किलें बढ़ना लाजमी है.

रिहाई मंच के कार्यकर्ता अब्दुल हक ने कहा कि बड़े-बड़े मंत्री और चेयरमैन फोन करके आरोपियों को छुड़वा रहे हैं. इससे जांच भी प्रभावित हो रही है. हक ने कहा कि इस दंगे की जांच सीबीआई द्वारा कराई जानी चाहिए, ताकि जांच निष्पक्ष हो और पीडि़तों को न्याय मिल सके.

यह नहीं, मुलायम सिंह यादव द्वारा बनाई गई 10 सदस्यीय कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं. आरोप है कि शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में बनी इस कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है, वह गलत है. सरकार शिविरों में रह रहे लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है.

Advertisement

सामाजिक कार्यकारी रिहाई मंच के सदस्य कारी साहब ने कहा है कि जो लोग मुफ्फरनगर से चलकर शामली आए हैं उन्हें अपनी बात रखने का पूरा हक मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. वे इसकी निंदा करते हैं. समाजवादी पार्टी एक तरफ तो खुद को लोकतांत्रिक बताती है, दूसरी तरफ पक्षपात कर रही है.

Advertisement
Advertisement