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इलाहाबाद में बाढ़ के हालात, 20 से ज्यादा मुहल्ले और 50 गांव डूबे

गंगा-यमुना के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी से इलाहाबाद में बाढ़ के हालात बन गए हैं. यहां हफ्ते भर बाद दोनों नदियां फिर से खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं.

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गंगा-यमुना के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी से इलाहाबाद में बाढ़ के हालात बन गए हैं. यहां हफ्ते भर बाद दोनों नदियां फिर से खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं.

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बढ़े हुए जल-स्तर से तबाही भी शुरू हो गई है. शहर के दो दर्जन मुहल्ले और करीब 50 गांव बाढ़ के पानी में दोबारा डूब गए हैं. हजारों घरों में एक मंजिल तक पानी भर गया है.

प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर निचले इलाकों को खाली करा दिया है. साथ ही 20 स्कूल-कॉलेज व धर्मशालाओं को रिलीफ कैंप में तब्दील कर दिया गया है. तमाम इलाकों में नाव के जरिये लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा रहा है.

संगम के सभी घाट-रास्ते और लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुका है. घर-मकान, स्कूल, सड़क और मंदिर सभी बाढ़ की चपेट में हैं और चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.

खतरनाक हो रहीं गंगा-यमुना
इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर 9 सेंटीमीटर और यमुना का जलस्तर 8 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. आशंका जताई जा रही है शाम सात बजे तक गंगा और यमुना दोनों ही खतरे का निशान पार कर जाएंगी. सरकारी इंतजाम एक बार फिर नाकाफी साबित हो रहे हैं. रिलीफ कैंपों में तो खाने- पीने का इंतजाम किया गया है, लेकिन जो लोग घरों में फंसे हुए हैं, उन्हें अब तक कोई मदद नहीं दी गई है.

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तीन दिन तक बढ़ेगा जल-स्तर
इलाहाबाद और आस-पास के शहरों में चार दिनों से तेज बारिश हो रही है. इसके अलावा गंगा-यमुना के जलस्तर में अगले तीन दिनों तक बढ़ोत्तरी की आशंका भी जताई गई है, ऐसे में बाढ़ का पानी कई नए इलाकों को अपनी आगोश में लेकर और तबाही मचा सकता है. प्रशासन ने लोगों को घर-बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले जाने की नसीहत दी है.

20 साल बाद दिखा है नदियों का रौद्र रूप
इलाहाबाद में गंगा और यमुना ने अरसे बाद अपना रौद्र रूप दिखाया है. करीब 20 साल बाद ऐसा हुआ है जब दोनों नदियां दूसरी बार खतरे का निशान पार कर रही हैं.

दोनों नदियों में आई बाढ़ ने जहां सैकड़ों एकड़ फसल को चौपट कर दिया है तो वहीं हजारों घरों को भी डुबो दिया है. शहरी इलाके के राजापुर, सलोरी, झूंसी, करेली, अशोक नगर, रसूलाबाद, दारागंज, बघाड़ा, नीवा, तेलियरगंज, गौस नगर, एलनगंज और करेलाबाग जैसे मोहल्लों में तो एक मंजिल तक बाढ़ के पानी में डूब गई हैं.

गांवों का हाल तो और भी बुरा है. वहां कई रास्ते और सड़कें तो बाढ़ के पानी में बह गई हैं. कुछ जगहों पर लोगों का बाकी दुनिया से संपर्क ही कट गया है.

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