उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में रोहिंग्या शरणार्थियों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर दिए गए. इतना ही नहीं करीब 16 रोहिंग्याओं को वोटर आईडी कार्ड भी जारी कर दिए गए. ये मामला जब अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो जांच शुरू कर दी गई. इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान और बीएलओ की मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है.
मुरादाबाद के ब्लॉक लेवल अफसर पर आरोप है कि उसने पूर्व प्रधान के साथ मिलकर 16 रोहिणी युवाओं को फर्जी तरीके से वोटर बना दिया. मामला जिले के भगतपुर टांडा के रुस्तमपुर तिगरी ग्राम पंचायत से जुड़ा बताया गया है. बताया गया है कि यहां म्यांमार से आकर अवैध तरीके से रोहिंग्या रह रहे हैं. इनमें से 16 रोहिंग्या युवाओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया गया. इतना ही नहीं इनके वोटर आईडी कार्ड भी जारी कर दिए गए.
ये बड़ा मामला जब अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा, तो मामले में जांच शुरू कर दी गई. आरोपी बीएलओ प्रशांत कुमार को निलंबित कर दिया गया. वहीं अब इस मामले में अधिकारियों ने गहनता से जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होने का मतलब है कि आप देश के नागरिक बन गए हैं, जबकि रोहिंग्या यहां छुपकर रह रहे हैं. बताया गया है कि ये भारतीय नागरिकता लेने की कोशिश करते रहते हैं, जिसमें इस बार एक बीएलओ की रिश्वतखोरी की वजह से ये कामयाब भी हो गए. हालांकि वक्त रहते ये पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में आ गया, जिसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है.