शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ फिर मोर्चा खोला है. धर्मगुरु ने कहा है कि 1975 में बदसलूकी की वजह से आजम को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था. जव्वाद का आरोप है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान आजम खान एक दिन जबरन लड़कियों के वॉर्ड में घुस गए थे जिसके बाद उन्हें एक साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
जव्वाद ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'बात सितंबर 1975 की है जब आजम खान एएमयू में एलएलएम की पढ़ाई कर रहे थे. एक दिन आजम जे एन मेडिकल कॉलेज के महिला वार्ड में जबरन घुस गए थे. डॉक्टरों ने आजम से वहां से निकल जाने को कहा लेकिन वो नहीं माने. मामला गर्म हुआ तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसकी जांच बैठा दी. जब आजम से महिला वॉर्ड में जबरन घुसने की वजह पूछी गई तो वो कोई जवाब नहीं दे सके. इसके बाद 6 अक्टूबर 1975 को आजम को आखिरकार यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था.' धर्मगुरु ने अपने आरोपों के समर्थन में दस्तावेज भी पेश किए.
आजम पर जव्वाद के आरोप मुस्लिम धर्मगुरु और कैबिनेट मंत्री के बीच हाल में शुरू हुई जुबानी जंग का हिस्सा है जो शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव को लेकर शुरू हुआ है.
आजम खान ने जहां कल्बे जव्वाद को धर्मगुरु मानने से ही इंकार कर दिया है तो वहीं कल्बे जव्वाद ने आजम पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपना उल्लू सीधा करने के लिए शिया-सुन्नी के बीच फसाद कराना चाहते हैं. जव्वाद का आरोप है कि आजम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वक्फ बोर्ड की चुनाव प्रक्रिया में दखल दिया है. आजम ने जव्वाद को जवाब देते हुए उन्हें बीजेपी का एजेंट करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मगुरु वक्फ बोर्ड पर कब्जा जमाने के लिए लॉबिइंग कर रहे हैं.