राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत एक दिन पहले ही दिल्ली की एक मस्जिद और मदरसे में में पहुंच गए थे. मोहन भागवत के इस कदम ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. मोहन भागवत के मस्जिद और मदरसे में जाने के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं तो वहीं अब विरोधी दलों ने भी इसे लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर मोहन भागवत और बीजेपी पर हमला बोला है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कल दिल्ली स्थित मस्जिद और मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात की और फिर उनसे अपने आपको राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि कहलवाया.
मायावती ने कहा कि क्या इसके बाद बीजेपी और इनकी सरकारों का मुस्लिम समाज और उनकी मस्जिद, मदरसों को लेकर प्रति नकारात्मक रुख बदलेगा. क्या इनके बर्ताव में कोई बदलाव आएगा? उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार खुली जगह अकेले नमाज पढ़ने की कुछ मिनट की मजबूरी को भी सहन नहीं कर पा रही है.
बसपा प्रमुख ने यूपी सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकारी मदरसों की उपेक्षा की जा रही है और सरकार निजी मदरसों के संचालन में भी हस्तक्षेप करने पर उतारू है. उन्होंने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख की इस बारे में गहरी चुप्पी के क्या मायने निकल रहे हैं? इस पर भी वे जरूर गौर करें.
गौरतलब है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचकर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉक्टर उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की थी. डॉक्टर इलियासी से मुलाकात के बाद मोहन भागवत आजादपुर स्थित मदरसे में भी गए थे और वहां पहुंचकर बच्चों से बात भी की थी.
संघ प्रमुख मोहन भागवत को डॉक्टर इलियासी ने राष्ट्रपिता बता दिया था जिस पर खुद भागवत ने ही उन्हें टोका भी और कहा कि हम सब भारत माता की संतान हैं. राष्ट्रपिता केवल एक ही है. मोहन भागवत के मस्जिद पहुंचने, डॉक्टर इलियासी से मुलाकात और मदरसे में पहुंचकर बच्चों से बात करने के बाद सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चा तेज है. अब मायावती ने इसे लेकर संघ प्रमुख पर तंज किया है और बीजेपी को भी घेरा है.