राम मंदिर मुद्दे को फिर से धार देने और केंद्र की एनडीए सरकार पर दबाव बढ़ाने के मकसद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनता के बीच सक्रियता बढ़ाने की तेयारी में है. संघ से जुड़े अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नामक संगठन इसके लिए विभिन्न स्थानों पर जनजागरण कार्यक्रमों की योजना बना रहा है. इसमें लोगों को राम मंदिर मुद्दे पर सच्चाई और वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाएगा.
25 जुलाई को दिल्ली में सम्मेलन
संगठन दिल्ली में 25 जुलाई को एक सम्मेलन का आयोजन करने वाला है. संसद के चालू सत्र के दौरान दिल्ली में इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन का मुख्य अतिथि बनाया गया है डॉ. बी. आर. मणि को जो आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व निदेशक हैं. उन्होंने उस टीम की अगुवाई की थी जिसे अयोध्या का दौरा कर विवादित स्थल पर मंदिर होने या नहीं होने संबंधी सर्वे करने का जिम्मा दिया गया था.
कांग्रेस पर रिपोर्ट दबाने का आरोप
संघ के सूत्रों का मानना है कि ये मुद्दा या तो अदालत के जरिये या फिर लोगों के बीच सहमति के जरिये ही सुलझ सकता है. लोगों को ये भी समझाने की कोशिश की जाएगी कि एएसआई द्वारा खुदाई में वहां प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले . साथ ही ये भी कहना है कि कांग्रेस की सरकार ने एएसआई की इस रिपोर्ट को सामने आने से रोका.
मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष
इस साल मार्च माह में संघ के महासचिव सुरैश भैय्याजी जोशी ने कहा था कि संघ मंदिर निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता से बिल्कुल भी हटा नहीं है. जोशी ने अदालत में भी मामले की जल्द सुनवाई की मांग की. शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू होनी है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी थी जिसमें विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया गया था .