
वाराणसी (Varanasi) के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) में 'बीफ' का मुद्दा गरमा रहा है. एग्जाम पेपर में छात्रों से बीफ से जुड़ा सवाल पूछा गया था. इस पर आपत्ति जताते हुए छात्रों ने गोमांस पर पढ़ाई कराए जाने का आरोप यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर लगाया है. साथ ही कुलपति को पत्र लिखकर प्रश्नपत्र बनाने वालों को बर्खास्त करने की मांग की है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस समय एग्जाम चल रहे हैं. बैचलर ऑफ वेकेशन कोर्स के सेकेण्ड सेमेस्टर के फूड प्रोडक्शन ऑपरेशन प्रश्न पत्र में बीफ से संबंधित सवाल पूछा गया था. एग्जाम मंगलवार को हुआ था. ये कोर्स दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के कैटरिंग एंड होटल मैनेजमेंट के अंतर्गत आता है.
पेपर में पूछे गए ये प्रश्न
... Long Answer Type Questions, answer any two of the following, each question carries 15 marks. 2×15-30
1. Give the introduction of soup and write its classification?
2. What is Sauce? What is difference between sauce and gravy?
3. Write a classification of beef. Define.
वहीं, प्रश्न पत्र के पेज नंबर तीन पर बीफ से जुड़ा बहुविकल्पी प्रश्न नंबर 3 पूछा गया, जो इस प्रकार रहा.....
(3) What liquid is usually for making stock?
(a) Water
(b) Bouillon
(c) Beef broth
(d) Chicken broth
एक्शन लेने की मांग, आंदोलन की चेतावनी भी
एग्जाम में आए बीफ के सवालों पर कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी में गो-मांस पर पढ़ाई कराई जा रही है. छात्रों ने कुलपति को लिखे शिकायती पत्र में मांग की है कि ऐसा कुकृत्य करने वाले जिम्मेदार शिक्षक कोर्स के आर्डिनेटर तथा संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय की सारी सेवाओं से बर्खास्त करते हुऐ उचित कानूनी कारवाई करने की जाय.
नए कुलपति के आने के बाद गोहत्या जैसे प्रश्न
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले छात्रों में से एक बीएचयू के शोध छात्र पतंजलि ने कहा ''काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय हमेशा ही गोरक्षा और गंगा के लिए सतत प्रयास करते रहे. लेकिन उनकी विचारधारा के विपरीत जाकर आज नए कुलपति के आने के बाद से गोहत्या जैसे सवालों को प्रश्न पत्र में डालकर इसे संस्थागत बनाने का बौद्धिक कुचक्र चल रहा है. जिसे होने नहीं दिया जाएगा.
गाय के मीट के प्रकार क्यों ?
छात्र अंशुमान ने कहा ''होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई में यह बताना चाहिए था कि आखिर गाय के दूध से कौन-कौन से उत्पाद बन सकते हैं?'' ना कि यह 'गाय के मीट कितने प्रकार के होते हैं''. ऐसा प्रश्न पूछना ही बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
केवल बर्खास्तगी नहीं, मुकदमा हो
एक और छात्र मृत्युंजय तिवारी ने कहा ''महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने बहुत सोच समझकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का निर्माण किया. लेकिन अब उसी विश्वविद्यालय में बीफ पर पढ़ाई कराई जा रही है. और एग्जाम में प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं. बिल्कुल ही अनुचित है. ऐसे लोगों के खिलाफ ना केवल बर्खास्तगी की कार्रवाई हो, बल्कि मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए.