
हमारे देश का लोकतंत्र कतार के अंतिम व्यक्ति को भी नेतृत्व का अवसर प्रदान करता है. यही लोकतांत्रिक व्यवस्था की कामयाबी भी है. इसका प्रमाण सहारनपुर के बलियाखेड़ी ब्लॉक में कार्यरत सफाईकर्मी सुनील कुमार और उनकी पत्नी सोनिया हैं. जिन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस ब्लॉक क्षेत्र में वह रोज सफाई करते हैं, एक दिन उनकी धर्मपत्नी सोनिया वहीं ब्लॉक प्रमुख बन जाएंगी.
अब सोनिया भाजपा से ब्लॉक प्रमुख का दायित्व संभाल चुकी हैं. उनके पति सुनील कई सालों से बलियाखेड़ी ब्लॉक में सफाई कर्मचारी हैं. उनकी पत्नी सोनिया सामान्य गृहिणी हैं. बीए पास पत्नी को सुनील ने बीडीसी का चुनाव लड़वा दिया और हाल ही में सम्पन्न हुए ब्लॉक प्रमुख चुनाव में सफाईकर्मी सुनील की पत्नी सोनिया निर्विरोध रूप से भाजपा समर्थित ब्लॉक प्रमुख बन गई हैं.
पहले जीतीं बीडीसी चुनाव, फिर बनीं ब्लॉक प्रमुख
गांव नल्हेडा गुर्जर निवासी सुनील कुमार विकासखंड बलियाखेड़ी में सफाई कर्मचारी के पद पर अपने ही गांव में कार्यरत हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव घोषित हुए तो बीडीसी की सीट आरक्षण के चलते अनुसूचित जाति वर्ग में आरक्षित हो गई. गांव वालों के कहने पर सुनील कुमार ने बीडीसी सदस्य के लिए अपनी पत्नी सोनिया को वार्ड 55 से चुनाव लड़ा दिया, इस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई. ब्लॉक प्रमुख पद भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ तो एक भाजपा नेता ने पढ़ी लिखी सोनिया को भाजपा की ओर से ब्लॉक प्रमुख पद का प्रत्याशी बनवा दिया. नामांकन करने के साथ ही 26 वर्षीय सोनिया निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हो गईं.
घर तो पति के तनख्वाह से ही चलेगा
अब ब्लॉक प्रमुख सोनिया कहती हैं कि चुनाव में पति सुनील कुमार और परिवार का सहयोग रहा है. उनका कहना है कि ब्लॉक प्रमुख के नाते वह गांवों के विकास के लिए काम करेंगी. हालांकि सोनिया के पति काम करते रहेंगे क्योंकि घर तो उनके ही तनख्वाह से ही चलता है. उनके पति ने भी निर्णय लिया है कि वह नौकरी करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्रमुख का पद तो पांच साल का है लेकिन नौकरी पूरे 60 साल की है.