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सहारनपुर दंगे का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, कर्फ्यू में 6 घंटे की ढील

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दंगा भड़काने के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पिछले सप्ताह दो सम्प्रदायों के बीच भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे.

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सहारनपुर साम्प्रदायिक दंगे में तीन लोगों की मौत हुई थी
सहारनपुर साम्प्रदायिक दंगे में तीन लोगों की मौत हुई थी

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दंगा भड़काने के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पिछले सप्ताह दो सम्प्रदायों के बीच भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि मोहर्रम अली पर भीड़ को सिखों के खिलाफ पथराव तथा गोली चलाने के लिए भड़काने का आरोप है. साथ ही उस पर सहस्त्र पाल नाम के कांस्टेबल पर गोली चलाने का भी अरोप है, जो शहर के एक अस्पताल में जीवन-मौत से जूझ रहा है.

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हिंसा भड़काने के मामले में दानिश, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद शाहिद तथा हाजी मोहम्मत इरफान को भी गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस का कहना है कि कुतुबशेर पुलिस स्टेशन के घेराव के पीछे मुख्य आरोपी का हाथ है, जहां एक विवादास्पद जमीन को लेकर दोनों पक्षों के लोग वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में बातचीत कर रहे थे. पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्र हुई भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने लोगों पर गोली चलाई, दुकानों एवं वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया.

एक अधिकारी ने बताया कि मोहर्रम अली उर्फ पप्पू ने भीड़ को भड़काने की बात कबूल कर ली है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पांडे ने उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है. उन्होंने दंगा भड़काने के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘हमने सीसीटीवी फुटेज के जरिये हिंसा भड़काने वालों की पहचान कर ली है, जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’

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जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कर्फ्यू में छह घंटे की ढील
शहर में दंगे के बाद लगे कर्फ्यू में गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से पूर्वाह्न दस बजे से शाम चार बजे तक की ढील दी गई. यह ढील सहारनपुर के सभी थाना क्षेत्रों में दी गई है. सुबह कर्फ्यू में ढील होने के बावजूद सहारनपुर के दुकानदारों ने अपनी दुकानें नहीं खोली. व्यापारियों का कहना था कि सहारनपुर में दुकानदारों एवं व्यापारियों को दंगे के दौरान आगजनी से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. विरोध स्वरूप प्रमुख बाजार बंद रहे.

उधर नगर निगम की ओर से एक शान्ति मार्च का आयोजन भी किया गया जिसमे सभी धर्मों के प्रतिनिधियों समेत हिन्दू-मुस्लिम ने एकता और भाइचारे का सन्देश देते हुए मार्च निकाला. सहारनपुर की जिलाधिकारी संध्या तिवारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार पाण्डेय सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इस शान्ति मार्च में शामिल हुए. वहीं व्यापारी वर्ग से जुड़े सैकड़ों लोगों ने इस शान्ति मार्च का विरोध भी किया. इन लोगों का कहना था कि जिन लोगों के करोड़ों के जानमाल का नुकसान हुआ है उस स्थिति में शान्ति मार्च का कोई औचित्य नहीं है.

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सहारनपुर में गुरुवार को तरह-तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है. सड़कों पर चहल पहल जरूर है लेकिन काफी बाजार बंद भी हैं. सहारनपुर की जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने आम लोगों से अपील की है कि किसी तरह की अफवाहों पर विश्वास ना करें लेकिन सहारनपुर में अभी भी तनावपूर्ण शान्ति बनी हुई है. कफ्र्यू में ढील मिलते ही गुरुवार को बैंक खुले हैं जिस कारण बैंकों में भीड़ लगी है. सड़कों पर चहल पहल है.

सहारनपुर के बहुत से कारखानों में काम शुरू हुआ है और उसमें कार्यरत कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर पहुंचे. कर्फ्यू पुनः शुरू होने से पहले ही उनको छुट्टी दे दी जायेगी. शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस एवं सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं.

गौरतलब है कि एक विवादित जमीन पर अदालत के फैसले के बाद शहर में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद शांति बहाल करने और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सहारनपुर में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई.

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