पहली बार महिला कुश्ती में ओलंपिक पदक जीत कर इतिहास रचने वाली साक्षी मलिक भले ही हरियाणा की रहने वाली हों, लेकिन लखनऊ को भी अपनी इस बेटी पर फक्र है. पिछले तीन सालों से साक्षी लखनऊ के ही स्पोर्टस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग कैंप में मैट पर पसीना बहा रही थीं ताकि ओलंपिक में पदक जीतने के अपने सपने को साकार कर सकें. वो यहीं से रियो गईं थीं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साक्षी को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार देने की घोषणा की है. ये उत्तर प्रदेश में महिला खिलाड़ियों को दिया जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार है जिसके तहत 3 लाख ग्यारह हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाता है. अखिलेश यादव ने कहा कि रक्षाबंधन के महान पर्व पर साक्षी ने देश और राज्य का नाम रौशन किया है.
खुशमिजाज है साक्षी
लखनऊ SAI के स्पोर्टस सेंटर में हर तरफ खुशी की लहर है. अपने जिन साथियों के साथ साक्षी प्रैक्टिस करती थीं वो बताती हैं कि साक्षी बेहद जुझारू प्रवृति की लड़की है जिस पर हर समय प्रैक्टिस का ही जुनून सवार रहता है. साक्षी के करीबी दोस्त और हॉस्टल में उनसे साथ रहने वाली टीना बताती हैं कि साक्षी बेहद खुशमिजाज है और उसे रियो जाने से पहले भरोसा था कि वो खाली हाथ नहीं लौटेगी.
रणनीति से जीता मुकाबला
साक्षी की कोच शिखा त्रिपाठी बताती हैं कि साक्षी ने रणनीति के तहत मुकाबले में पहले प्रतिद्वंदी को पूरी ताकत लगाकर थकने दिया और बिल्कुल अंत में पूरी ताकत लगाकर उसे चित्त कर दिया. ये रणनीति बेहद जोखिम भरी थी लेकिन साक्षी ने अपने आत्मविश्वास से उसे जीत में बदल दिया.