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सपा कार्यालय में विधायकों की आपात बैठक, अखिलेश यादव भी मौजूद

सपा कार्यालय में विधायकों की आपात बैठक बुलाई गई है. बैठक में तमाम विधायक और अखिलेश यादव भी मौजूद हैं. कार्यालय के बाहर भी गाड़ियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उपचुनाव को लेकर हो सकता है मंथन
  • शिवपाल-आजम की नाराजगी, चर्चा का मुद्दा

सपा कार्यालय में विधायकों की आपात बैठक हो रही है. बैठक में लगभग सभी विधायक पहुंचे हैं. सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बैठक में मौजूद बताए जा रहे हैं. कार्यालय के बाहर विधायकों की गाड़ियों का जमावड़ा भी लग गया है. अचानक बुलाई गई इस बैठक का उदेश्य अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह के अटकलें शुरू हो गई हैं.

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कुछ दिन पहले ही सपा ने बड़ा दांव चलते हुए आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजने का फैसला किया था. नाम डिंपल यादव का चल रहा था, बात भी फाइनल हो गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर तमाम समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी का नाम आगे कर दिया. ऐसे में सपा की तरफ से कपिल सिब्बल, जयंत चौधरी और जावेद अली के नाम पर मुहर लग गई.

ऐसा माना गया कि समाजवादी पार्टी वर्तमान परिस्थितियों के साथ-साथ 2024 के चुनावों को साधना चाहती थी. शिवपाल यादव की नाराजगी के बाद तमाम तरह की संभावनाओं को खारिज करने के लिए जयंत चौधरी के नाम का ऐलान कर दिया गया जिससे गठबंधन पर भी असर ना पड़े और बीजेपी को भी कोई खेल करने का मौका ना मिले.

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वैसे बुधवार को चुनाव आयोग की तरफ से तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी कर दिया गया है. इसमें यूपी की रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. 23 जून को वोटिंग होगी और 26 जून को नतीजे घोषिए किए जाएंगे. कहा जा रहा है कि उपचुनाव को लेकर भी अखिलेश यादव इस आपात बैठक में चर्चा करने जा रहे हैं.

इस समय सपा विधायक आजम खान की बेरुखी भी किसी से नहीं छिपी है. जेल से रिहा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक औपचारिक रूप से अखिलेश यादव से कोई मुलाकात नहीं हुई है. आजम खान ने विधायक पद की शपथ तो ले ली है, लेकिन सदन में अखिलेश से कोई मुलाकात नहीं हुई. वे सदन की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हुए. इसके अलावा उनके बेटे अब्दुल्ला आजम सदन में मौजूद दिखे, लेकिन सपा के किसी भी प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी. अखिलेश के नेतृत्व में जब सभी विधायक योगी सरकार को घेर रहे थे, नारेबाजी कर रहे थे, तब अब्दुल्ला आजम चुप बैठे रहे. ऐसे में शिवपाल यादव के बाद आजम खान की इस नाराजगी पर भी अखिलेश अपनी बैठक में चर्चा कर सकते हैं.

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