अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई समाजवादी पार्टी की ईवीएम के खिलाफ रणनीतिक बैठक शुरुआती तौर पर बेनतीजा रही. जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में ईवीएम के खिलाफ विपक्ष को गोल बंद करने की कोशिश के बावजूद बीएसपी और कांग्रेस दोनों ने इस मीटिंग से अपनी दूरी बनाकर रखी.
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने शनिवार को विपक्ष की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में गोरखपुर, फूलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर भी चर्चा होने की बात सामने आई. वहीं सबसे बड़ी बहस ईवीएम को लेकर रही. विपक्ष को एकजुट करने और लोकसभा उपचुनाव बैलेट से कराने को लेकर माहौल बनाने के लिए ये बैठक बुलाई गई थी.
EVM मुद्दे पर बैठक, कांग्रेस-बसपा ने बनाई दूरी
विपक्ष के साथ बैठक में बैलेट पेपर से लोकसभा उपचुनाव कराए जाने पर सहमति बनाने की कोशिशें नाकाम रही हैं. लोकसभा के उपचुनाव गोरखपुर और फूलपुर में होने हैं. इसके लिए भी रणनीति बनाई जानी थी, जबकि EVM को लेकर आम सहमति बनने पर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाए जाने की पूरी उम्मीद है. हाल ही में संपन्न हुए गुजरात चुनाव और यूपी के निकाय चुनाव के बाद सपा ने ईवीएम से चुनाव पर आपत्ति जाहिर की है. हालांकि चुनाव आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था.
कांग्रेस ने अगली बैठक में शामिल होने का दिलाया भरोसा
सपा विधानमंडल दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सभी दल बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की बात पर सहमत हैं. कांग्रेस ने भी इस बैठक पर अपना सहमति पत्र भेजा है. अगले हफ्ते एक और बैठक होगी जिसमें कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा. हालांकि थोड़ा सी असहमति सीपीएम ने जताई है.
विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश
विपक्ष बैलेट पेपर की मांग के बहने एकजुट होना चाहता है और समाजवादी पार्टी यहां नेतृत्व भी दिखाना चाहती है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की इस बैठक में आरएलडी के डॉ मसूद, जदयू शरद गुट के सुरेश निरंजन, एनसीपी के रमेश दीक्षित, आरजेडी के अशोक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जनेश्वर ट्रस्ट बैठक में शामिल हुए. अपना दल (कृष्ण पटेल गुट) की पल्लवी पटेल, जनवादी पार्टी के संजय सिंह चौहान ने बैठक में हिस्सा लिया.
कांग्रेस और बसपा मीटिंग से रहे दूर
ईवीएम के मुद्दे पर बैठक में आम आदमी पार्टी सहित वाम दल के नेता पहुंचे. आम आदमी पार्टी के गौरव महेश्वरी भी पहुंचे तो वहीं वाम दल के नेता भी बैठक में शामिल हुए. जनवादी पार्टी के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान भी ट्रस्ट पहुंचे. इस बैठक में कांग्रेस और बसपा का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.
दरअसल, बहाना भले ही ईवीएम का हो लेकिन पूरी कोशिश इसी बहाने से विपक्ष को एक करने की है. खासकर फूलपुर और गोरखपुर के लोकसभा उपचुनाव में विपक्ष की कोशिश है कि बीजेपी के मुकाबले सिर्फ एक कैंडिडेट दिया जाए. देखना है अखिलेश यादव की कोशिश कितनी रंग लाती है.