क्या उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए अमित शाह ने पिछड़ी जातियों के वोट बैंक में सेंध लगाने की जो रणनीति बनाई थी वह कामयाब हो रही है? कम से कम 'आज तक इंडिया टुडे' के सर्वे में तो यही बात सामने आई है. लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता दीपक मिश्रा का कहना है ओपिनियन पोल को सही नहीं माना जा सकता क्योंकि 25 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में चंद लोगों से बात कर के नतीजे निकालना आसान नहीं है.
दीपक मिश्रा ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने विकास के जितने काम किए हैं उस के दम पर वह जरूर लौट कर आएगी. लेकिन ओपिनियन पोल के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो रहा है जो तीसरे नंबर की पार्टी बनती हुई दिख रही है. समाजवादी पार्टी को एंटी इनकंबेंसी का नुकसान तो हो ही रहा है, पार्टी के भीतर मचे घमासान से भी वोटरों का मोहभंग हो रहा है.
बहुमत का आंकड़ा पार करेगी बीजेपी- मौर्या
सर्वे के मुताबिक, बीजेपी करीब पौने दो सौ सीट पाकर नंबर वन पार्टी बनने की तरफ बढ़ रही है. हालांकि, प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का कहना है कि बीजेपी बहुत आराम से बहुमत का आंकड़ा पार करके अपने दम पर सरकार बना लेगी. ओपिनियन पोल के मुताबिक, यादवों को छोड़कर तमाम दूसरी जातियों के बीच पैठ बनाने में बीजेपी कामयाब रही है. कोइरी, कुर्मी, कुशवाहा, मौर्य जैसी जातियों के बीच में बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ती हुई दिख रही है. इसी कोशिश के तहत बीजेपी ने बीएसपी छोड़कर आए स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में जगह दी. इसी तरह मायावती का साथ छोड़ कर बृजेश पाठक भी बीजेपी के झंडे के नीचे आ गए क्योंकि उन्हें लगता है कि सवर्णों की पहली पसंद भी अब बीजेपी हो रही है.
राहुल गांधी भले ही पूरे उत्तर प्रदेश में यात्रा किए हों, लेकिन ओपिनियन पोल के नतीजों को देखें तो लगता है कि इससे कुछ फायदा नहीं हो रहा है. पार्टी न सिर्फ चौथे नंबर पर आते हुए दिख रही है बल्कि उसकी सीटें भी काफी कम होने की संभावना है. लेकिन कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह इस ओपिनियन पोल को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है. ओपिनियन पोल के मुताबिक दलितों के ऊपर अभी भी मायावती की पकड़ बरकरार है.