समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के करीबी माने जाने वाले रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आले हसन के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद आले हसन अब विदेश नहीं भाग पाएंगे. उनपर जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में 27 मुकदमे दर्ज हैं. आले हसन फिलहाल फरार हैं. रामपुर में तैनात रहे आले हसन सपा सांसद आजम खान के करीबी रहे हैं.
गौरतलब है कि आजम खान को रामपुर में भू माफिया घोषित किया जा चुका है. जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खान को प्रशासन ने भूमाफिया घोषित कर दिया है. शासनादेश के मुताबिक ऐसे लोगों को भूमाफिया घोषित किया जाता है जो दबंगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हैं. जो लोग अवैध कब्जे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और जिनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज है उनका ही नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है. सरकार भी इसकी निगरानी करती है.
उपजिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि आजम का नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया गया है. आजम खान के खिलाफ जमीन कब्जाने के एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इनमें एक मुकदमा 12 जुलाई को प्रशासन की ओर से दर्ज कराया गया, जिसमें कहा गया है कि आलिया गंज के 26 किसानों ने जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है.
इन सभी किसानों ने जिला अधिकारी को शपथ पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि आजम खान ने उनकी जमीन जबरन जौहर यूनिवर्सिटी में मिला ली है. तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खान ने उन्हें डराया धमकाया था. हवालात में बंद किया और चरस व स्मैक में जेल भेजने की धमकी दी.
इसी कारण उन्होंने शुरू में शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुताई. यह मामला दर्ज करते ही पुलिस ने उसी रात मोहम्मद अली जौहर विवि में मुख्य सुरक्षा अधिकारी बने आले हसन खान के आवास पर छापा मारा. तब आले हसन हाथ नहीं लग सके, लेकिन पुलिस उनके बेटे को गिरफ्तार करके ले गई. अब उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है.