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रामपुर उपचुनाव रद्द करने की मांग, सपा नेता रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी

रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में हुई वोटिंग में शासन ने बड़े पैमाने पर धांधली कराई है. वोटरों को मतदान से रोका गया. पुलिस की बर्बरता से कई लोग घायल भी हुए हैं. सपा नेता आसिम राजा ने भी आरोप लगाया था कि पुलिस ने जानबूझकर एक वर्ग को परेशान किया गया.

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रामगोपाल यादव (फाइल फोटो)
रामगोपाल यादव (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर रामपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव को निरस्त कर फिर से वोटिंग कराने की मांग की है. रामगोपाल यादव ने पत्र में कहा है कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में हुई वोटिंग में शासन ने बड़े पैमाने पर धांधली कराई है. वोटरों को मतदान से रोका गया. पुलिस की बर्बरता से कई लोग घायल भी हुए हैं.

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इस पत्र के साथ प्रोफेसर रामगोपाल ने पुलिस की बर्बरता के फोटो भी अटैच किए हैं. रामगोपाल यादव ने कहा है कि रामपुर में इस बार मतदान का प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में काफी कम है. इसलिए रामपुर विधानसभा क्षेत्र में दोबारा मतदान कराया जाना चाहिए.

सपा ने पुलिस पर लगाए आरोप

गौरतलब है कि सपा नेता आसिम राजा ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने जानबूझकर एक वर्ग को परेशान किया गया. उसी वजह से सपा कार्यकर्ता धरने पर भी बैठा गए थे. तब पुलिस ने बल प्रयोग कर सभी कार्यकर्ताओं को मौके से हटाया था. उसी कार्रवाई ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.

SC में अर्जेंट सुनवाई के लिए दाखिल

इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जेंट सुनवाई के लिए दाखिल किया गया. याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि पुलिस ने वोटरों की पहचान कर उन पर लाठी डंडे चलाए गए. याचिका में जोर देकर कहा गया कि लोग लहूलुहान हालत में भागते दिखे हैं. सीजेआई ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि गुरुवार को ये मामला मेंशन किया जाए, तब उस पर सुनवाई की जाएगी. 

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वे स्वयं उस इलाके का वोटर हैं और इस घटना के चश्मदीद भी. पुलिस ने एक खास वर्ग के लोगों को मतदान केंद्र तक जाने से रोका. नहीं मानने पर पुलिस ने उनको खदेड़ कर पीटा. इस बात पर नाराजगी जाहिर की गई कि जो कानून और संविधान के रखवाले हैं, उन्होंने ही कानून की धज्जियां उड़ाई. 

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