समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान आज सीतापुर जेल से बाहर आ जएंगे. उनकी रिहाई पर उन्हें लेने के लिए उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और भाई भी सीतापुर पहुंचेंगे. उन्हें यहां से रामपुर ले जाया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की रिहाई का आदेश एक दिन पहले 19 मई को ही दे दिया था. लेकिन कोर्ट सर्टिफाइड कॉपी जेल न पहुंचने के कारण रिहाई लेट हो गई.
दरअसल, फिलहाल रामपुर कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम जमानत के आदेश की सॉफ्ट कॉपी दाखिल की गई है. अभी सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत की सर्टिफाइड कॉपी रामपुर कोर्ट पहुंचनी बाकी है. रिहाई आदेश की हार्ड कॉपी विशेष संदेशवाहक के जरिए सीतापुर जेल भेजी जाएगी. गुरुवार को जेल में शाम 5.30 बजे तक ही रिहाई के आदेश के दाखिल होने का समय निकल चुका था.
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को 1-1 लाख रुपए के बेल बॉन्ड भरने के लिए कहा है. सर्टिफाइड कॉपी पहुंचने के बाद जब आजम की तरफ से बेल बॉन्ड भर दिए जाएंगे, तब इसके वेरिफिकेशन के बाद कोर्ट रिहाई के आदेश जारी करेगा.
गुरुवार को अंतरिम जमानत का फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आजम खान की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि ट्रायल कोर्ट से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा. गौरतलब है कि 80 से अधिक मामलों में आजम खान पिछले 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं. वह एक केस में जमानत लेते तो दूसरा केस दायर हो जाता. इसके बाद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां मंगलवार को सुनवाई हुई थी.
कोर्ट ने पूछा था- ये इत्तेफाक क्यों?
सुप्रीम कोर्ट में आजम खान की जमानत याचिका पर बुधवार को भी सुनवाई हुई थी. जस्टिस एल नागेश्वर राव, बी आर गवई और बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई की थी. इस दौरान जस्टिस गवई ने पूछा था कि आजम खान को जमानत मिलते ही एक और केस दर्ज होने का इत्तेफाक क्यों हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह फिर से हो रहा है, एक मामले में सुनवाई के बाद और भी शिकायतें दर्ज होंगी. जब भी उन्हें (आजम) किसी एक मामले में जमानत मिलती है तो दूसरा केस दर्ज होने का इत्तेफाक क्यों? इस पर स्टेट काउंसिल ने कहा कि कोई भी मामला फालतू नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.