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संभल के SDM बोले- करवाचौथ पर लीजिए सेल्फी, टॉयलेट बनवाएगा प्रशासन

उत्तर प्रदेश के एक एसडीएम ने अनोखा अभियान शुरू किया है. गुरुवार को करवाचौथ के दिन उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों से सेल्फी खींचने और पोस्ट करने का आह्वान किया है और जिनके घर टॉयलेट नहीं है उन्हें यह उपलब्ध कराया जाएगा.

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यूपी के एक गांव में बनवाया जा रहा टॉयलेट (फोटो-ट्विटर)
यूपी के एक गांव में बनवाया जा रहा टॉयलेट (फोटो-ट्विटर)

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  • सेल्फी के जरिए लोगों की होगी पहचान, प्रशासन करेगा इंतजाम
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा टॉयलेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा स्वच्छ भारत मिशन को लेकर देशभर में जागरूकता फैलती जा रही है. अब इस मुहिम को आगे बढ़ाने में उत्तर प्रदेश के एक एसडीएम ने अनोखा अभियान चलाया है. गुरुवार को करवाचौथ के दिन उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों से सेल्फी खींचने और पोस्ट करने का आह्वान किया है और जिनके घर टॉयलेट नहीं है उन्हें यह उपलब्ध कराया जाएगा.

संभल के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) दीपेंद्र यादव ने अपने प्रशासनिक क्षेत्र के लोगों से आह्वान किया है कि करवाचौथ के दिए लोग अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करें. उन्होंने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जिनके घर में टॉयलेट नहीं है, उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह उपलब्ध कराया जाएगा.

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अब तक कितने करोड़ टॉयलेट?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो अक्टूबर 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अपने पहले भाषण में स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा के बाद अभी तक देश में 10 करोड़ से ज्यादा टॉयलेट बनाए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की थी, उस समय इसका उद्देश्य महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करना था. इस साल गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर देश को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित करके इस सपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है.

महात्मा गांधी से प्रेरणा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के उपदेशों को प्रेरणा के तौर पर लेते हुए मोदी सरकार ने दो अक्टूबर, 2019 को गांधी जी की 150वीं जयंती तक देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने के उद्देश्य से दो अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) लॉन्च की थी. कार्यक्रम के तहत देशभर में गांवों में हर घर में शौचालय उपलब्ध कराने की योजना भी शामिल थी.

स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य देश के 4,041 शहरों में पैदा होने वाले ठोस कचरे का 100 फीसदी वैज्ञानिक प्रबंधन करना भी है. पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के अनुसार, एसबीएम-जी के अंतर्गत पांच फरवरी, 2019 तक देशभर में नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कवरेज 98 फीसदी तक हो चुका है, जो दो अक्टूबर, 2014 को सिर्फ 38.7 प्रतिशत था. मंत्रालय ने कहा कि 27 राज्य, 601 जिले, 5,934 ब्लॉक, 2,46,116 ग्राम पंचायतें और 5,50,151 गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.

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