बसपा सुप्रीमो मायावती अपने जन्मदिन के अवसर पर पंद्रह जनवरी को लखनऊ में एक विशाल रैली करके यूपी में लोकसभा चुनावों के लिये बसपा का बिगुल फुंकेगी. रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिये सोमवार को लखनऊ में मायावती नें पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
बसपा की ये रैली लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में सावधान विशाल रैली के नाम से होगी. बहुजन समाज पार्टी ने इस रैली के जरिए लगभग बीस लाख लोगों को भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है. रैली के लिये बसपा ने हर विधानसभा क्षेत्र से 5,000 लोगों को लाने का लक्ष्य रखा हैं.
मायावती ने सोमवार की बैठक में इतनी बड़ी भीड़ को लाने और गांव से लेकर राजधानी तक के प्रबंधन पर खासतौर पर चर्चा की. साथ ही बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ मुजफ्फरनगर दंगों के बाद वहां के हालात और राहत शिविरों में रह रहे दंगा पीड़ितों की समस्याओं को लेकर भी चर्चा की. मायावती नें दंगा पीड़ितों को यूपी सरकार द्धारा जबरदस्ती कैंपों से हटवाने और बुल्डोजर चलावाने की कारवाई की कड़े शब्दों में निंदा की.
मायावती ने बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता सपा सरकार के जंगलराज और अव्यवस्था के माहौल से काफी ज्यादा पहले से त्रस्त थी, परन्तु पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व शामली जिले में सपा-भाजपा की मिलीभगत और साजि़श के कारण, हुए साम्प्रदायिक दंगे से स्थिति काफी ज्यादा भयावह हो गयी है और खासकर मुस्लिम समाज के लोगों में असुरक्षा व भय का वातावरण पैदा कर दिया है.
साथ ही मायावती ने अपने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर कार्य करने और संगठन की मजबूती के लिये हरसंभव कोशिश करने को कहा. जिससे आने वाले लोकसभा चुनावों में पार्टी को भारी सफलता मिल सके. साथ ही मायावती नें पार्टी के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं सहित प्रदेश वासियों को नये साल की शुभकामना भी दी.