सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में नए लोकायुक्त की नियुक्ति की है. रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त नियुक्त किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल किया. सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार किसी राज्य का लोकायुक्त नियुक्त किया.
लोकायुक्त की नियुक्ति न होने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जमकर फटकार लगाई. आदेश जारी करने के बावजूद भी अंतिम दिन तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त की नियुक्ति कर दी.
अदालत ने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा सर्वोच्च अदालत के फैसले का पालन न किए जाने पर अफसोस जताया. यूपी सरकार को बुधवार तक लोकायुक्त नियुक्त किए जाने का समय दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई और एनवी रमन्ना की बेंच ने उत्तर प्रदेश की पैरवी करने वाले वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल को जमकर फटकार लगाई. बेंच ने उनसे नियुक्ति के बारे में भी सवाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'हमें अपने आदेश का पालन करवाना आता है.' इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि यूपी सरकार पांच नामों पर चर्चा कर रही है, वो नाम पूछे जाने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जिसके चलते बुधवार को 12.30 बजे लोकायुक्त की नियुक्ति का आदेश जारी करने का समय तय किया गया था.