सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक याचिका में उन जोड़ों के लिए सुरक्षा की अलग से व्यवस्था के लिए कहा गया, जो दूसरी जाति या धर्म में विवाह करते हैं. याचिकाकर्ता ने 2018 में शक्ति वाहिनी मामले में दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे जोड़ो को सुरक्षा देने के लिए अलग से व्यवस्था किए जाने का आदेश दिया गया था, इसके बावजूद अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में सुरक्षा देने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में यूपी सरकार को आदेश जारी करना चाहिए कि ऐसे जोड़ों की सुरक्षा के लिए अलग से व्यवस्था की जाए. वहीं याचिकाकर्ता से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपको इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाना चाहिए.
याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर वह इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाता है, तो इस मामले को सुनवाई में बहुत समय लग जाएगा, इसलिए इस मामले में आप ही आदेश जारी कर दें. याची की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे हाईकोर्ट जाने की छूट दी है. इसके साथ ही इस याचिका को खारिज कर दिया गया है.
बता दें कि 2018 में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शक्ति वाहिनी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें एनजीओ ने 'ऑनर किलिंग' की घटनाओं को रोकने, खाप पंचायतों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन और शादी करने के इच्छुक वयस्कों के सम्मान की रक्षा करने के लिए कहा गया था.
इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से कानून बनाए जाने तक गाइडलाइन जारी की थीं, जिसके अनुसार शादी करने वाले जोड़े और उनके परिवार वालों को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराए जाने. सुरक्षित घर जिले में दिए जाने के लिए कहा था. इन सुरक्षित घरों में वो कपल रहेंगे, जिनके शादी के खिलाफ परिवार वाले, पंचायत या दूसरे लोग हैं. ये सुरक्षित घर SP और DM के निगरानी में चलेंगे.