सुप्रीम कोर्ट ने दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल के पास सड़क निर्माण के खराब काम को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है.
जस्टिस टी एस ठाकुर ने यूपी की अखिलेश सरकार से कहा है कि 'इंजीनियरों को शर्म आनी चाहिए. ठेकेदार को काम पूरा किए बिना ही पूरे पैसे अदा कर दिए गए. 300-400 साल पहले अपने हाथों से लोगों ने इस खूबसूरत मकबरे को बनाया था लेकिन आज सभी सुविधाएं होने के बावजूद आपने ताज के आस-पास गंदगी फैला रखी है.'
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण समेत सभी संबंधित पक्षों को इस मुद्दे पर सुझाव देने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 301 किमी लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए ताज समलंब जोन में 281 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर केंद्र की आधिकारिक समिति से रिपोर्ट मांगी है.
अदालत ने आगरा नगर निगम और आगरा विकास प्राधिकरण से श्मशान घाट को ताज महल के पास से स्थानांतरित करने पर भी सुझाव मांगा था. श्मशान की वजह से उठने वाले धुएं के कारण ताज महल की खूबसूरती पर असर पड़ने की संभावाना जताई गई थी.