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निठारी कांड: SC ने केंद्र और CBI को जारी किया नोटिस

निठारी कांड में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, सीबीआई और अन्य याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है. यूपी सरकार ने सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर की फाइल फोटो
निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर की फाइल फोटो

निठारी कांड में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, सीबीआई और अन्य याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है. यूपी सरकार ने सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.

यूपी सरकार ने कहा कि उनकी तरफ से किसी भी तरह की देरी नहीं की गई थी. सुरेंद्र कोली द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की वजह से यह हुई थी. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की इस दलील के बाद भी कोली की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.

बताते चलें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्‍दील कर दिया था. चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया था.

पीपुल्स यूनियन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स की जनहित याचिकाओं में सुरेंद्र कोली की दया याचिका के निस्तारण में हुई देरी के आधार पर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई थी. इसमें कहा गया था कि दया याचिका को निस्तारित करने में समय लगा, जो असंवैधानिक है.

सुप्रीम कोर्ट ने टाली थी फांसी
कोली को पहले सितंबर 2014 में फांसी दी जानी थी, लेकिन SC ने 6 सितंबर की आधी रात आदेश जारी कर मौत की सजा पर रोक लगा दी थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर 2014 को आदेश पारित कर उसकी फांसी की सजा पर 28 अक्टूबर 2014 तक रोक लगा दी थी.

क्या है मामला
29 दिसंबर 2006 को निठारी में सिलसिलेवार हुए 19 हत्याओं का मामला सामने आया था. उसके कुछ दिन बाद ही पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था.

बरी हो चुका है पंढेर
12 फरवरी 2009 को विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने पंढेर और कोली को रेप और हत्या का दोषी ठहराया था. 13 फरवरी 2009 को एक 14 वर्षीय लड़की से रेप और हत्या के लिए विशेष सीबीआई अदालत ने पंढेर और कोली को मौत की सजा सुनाई. पंढेर हाईकोर्ट से बरी हो चुका है.

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