सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने लखनऊ पहुंचकर शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद से मुलाकात की. उनसे मिलकर महमूद पराचा ने कहा कि आगामी 26 तारीख को मॉब लिंचिंग से बचने के लिए कैंप लगाया जाएगा, हथियार के लिए कैसे अप्लाई किया जाए कैंप में इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
महमूद पराचा की बात पर असहमति जताते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि हम पहले सरकार से मॉब लिंचिंग पर कानून बनने की मांग करते हैं, अगर सरकार कानून बनाने में असफल होती है, तब इस तरीके के कैंप का आयोजन किया जाए और सभी धर्मगुरुओं को एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आया जाए.
कल्बे जव्वाद ने यह भी कहा 26 तारीख को जो कैंप लगेगा उसमें सिर्फ और सिर्फ इस बात की जानकारी दी जाएगी कि सरकार से असलाह कैसे लें, इसके लिए कैसे अप्लाई करें. इसमें कोई हथियार की ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी और ना ही किसी प्रकार के हथियार के बारे में बताया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने कहा 'मॉब लिंचिंग से बचने के लिए हम सभी को ट्रेनिंग देंगे, क्योंकि ये मॉब लिंचिंग सरकार करा रही है. यह मॉब लिंचिंग किसी एक संप्रदाय के प्रति हो रही है. इसमें मुस्लिम मारे जा रहे हैं, दलित मारे जा रहे हैं.'
वहीं, धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा, 'इस बात की कवायद नहीं करता हूं कि हथियारों की ट्रेनिंग हो. पहले सरकार को इस मामले में कानून बनाना चाहिए. हथियारों की ट्रेनिंग बहुत बाद की परिस्थिति है, जब कानून भी नहीं बने और सरकार भी कुछ ना करे. अगर किसी सरकार में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो रही हैं, तो यह सभी (हिंदू-मुस्लिम-ईसाई) एक साथ हैं. ऐसा नहीं है कि यह ट्रेनिंग सिर्फ मुसलमानों को दी जाएगी. इस बार इस ट्रेनिंग में ये बताया जाएगा कि शस्त्र कैसे सरकार से लें, उसके लिए फॉर्म कैसे भरें, साथ ही अप्लाई करना सिखाया जाएगा ना कि हथियारों की ट्रेनिंग दी जाएगी.'