यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत चलनेवाले आवासीय कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में भारी गड़बड़ी की शिकायत सामने आयी है. शिकायत के मुताबिक इन विद्यालयों में 18 ज़िलों में स्कूलों को मिले पैसों को गलत तरीके से निकाल लिया गया. आरोपों के मुताबिक 18 जिलों में विद्यालयों को पढ़ाई और खाने पीने की सामग्री के अलावा दवाइयों के लिये लगभग 9 करोड़ रुपए आवंटित किये गये.
ये पैसे इस साल कोरोना महामारी के दौरान फरवरी और मार्च माह के लिये दिये गये थे. लेकिन हैरानी इस बात की है कि इन पैसों को कोरोना संक्रमण के उस दौर में खर्च कर दिया गया जब यूपी के सभी स्कूल और कॉलेज बंद थे.
दरअसल ये मामला भी सामने तब आया जब शिक्षा निदेशालय ने जांच की, कि 18 ज़िलों के कस्तूरबा विद्यालयों ने प्रेरणा पोर्टल पर संबंधित स्कूल के बच्चों और खर्चे की जानकारी नहीं डाली है. अब मामला सामने आने के बाद इस पर सियासत भी जारी है. विपक्षी नेता सीधे विभाग के मंत्री सतीश द्विवेदी पर आरोप लगा रहे हैं. हालांकि इस मामले में अलग अलग ज़िलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को चिट्टी लिखकर इस गड़बड़ी के लिये जवाब मांगा गया है.
मामले में विभाग का मानना है कि यह किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते भी हो सकता है. फिर भी निदेशक स्तर के अधिकारी जांच कर रहे हैं. उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाई की जायेगी. बता दें कि यह मामला बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री सतीश द्विवेदी से जुड़ा है. ये वही मंत्री हैं जिनपर अपने भाई को गलत तरीके से नौकरी दिलाने का आरोप लगा. फिर काफी किरकिरी होने के बाद भाई को इस्तीफ़ा भी दिलवाना पड़ा. अब मंत्री जी पर विभाग के दूसरे घोटाले के मामले में उंगली उठ रही है. पहले से विपक्ष के निशाने पर रहे मंत्री जी एक बार फिर से मुश्किल में हैं.