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सर्दी में ठिठुरने को मजबूर UP के बच्चे, योगी सरकार ने किया था स्वेटर देने का वादा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरमान जारी किया था की सूबे के सभी प्राथमिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ड्रेस के अलावा स्वेटर और जूते-मोज़े भी दिए जाएंगें. लेकिन आधा दिसंबर बीतने के बाद भी सरकारी स्कूलों में नौनिहालों को स्वेटर नहीं बांटे गए हैं. सिस्टम की लेट-लतीफी ठंड से ठिठुरते बच्चों पर भारी पड़ रही है.

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धूप में लग रही हैं क्लास
धूप में लग रही हैं क्लास

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उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने वाली सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य गरीबों के लिए कई ऐलान किए थे जिसमें एक बड़ा एलान था कि इसी सत्र से सभी सरकारी स्कूली बच्चों के लिए ड्रेस, स्वेटर, जूते मोजे और किताबें सरकार मुहैया कराएगी. स्कूलों में तमाम चीजें तो बंट गईं लेकिन ठंड शुरू होने के बाद भी बच्चों को स्वेटर नहीं मिले हैं.

योगी ने किया था वादा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरमान जारी किया था की सूबे के सभी प्राथमिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ड्रेस के अलावा स्वेटर और जूते-मोज़े भी दिए जाएंगें. लेकिन आधा दिसंबर बीतने के बाद भी सरकारी स्कूलों में नौनिहालों को स्वेटर नहीं बांटे गए हैं. सिस्टम की लेट-लतीफी ठंड से ठिठुरते बच्चों पर भारी पड़ रही है. ऐसा लगता है कि योगी आदित्यनाथ का यह फरमान कागजों तक सिमट कर रह गया, हालांकि मंत्री का दावा है कि दिसम्बर में स्वेटर बांट दिए जाएंगे.

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धूम में बच्चों की क्लास

यूपी में सरकारी स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक है और बिना स्वेटर के बच्चों की कक्षाएं धूप में लगवानी पड़ रही हैं. बांदा के स्कूल की पड़ताल करने पर पता चला कि यहां भी सरकारी स्कूल के बच्चे सर्दी में बिना स्वेटर के पढ़ाई कर रहे हैं. यहां के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जनपद स्तर से काम शुरू हो गया है और यहां भी जल्द ही स्वेटर बांट दिए जाएंगे. यहां से पर्चेस पोर्टल पर लॉगिन की कार्रवाई हो गयी है, ठंड से बचाने के लिए धूप में क्लास लग रही हैं, जल्द स्वेटर भी आ जाएंगे.

चुनाव की वजह से टेंडर में देरी

बुंदेलखंड के झांसी के सरकारी स्कूल की हालत भी बांदा जैसी ही है. यहां के बच्चों को पढ़ाने वाले प्रधानाचार्य और अध्यापकों का कहना है बच्चे गरीब हैं इतना मां-बाप नहीं कमा पाते. यही वजह है कि शासन की ओर से बच्चों को ड्रेस और स्कूली बस्ता मिला था. इसके साथ ही अभी सर्दी में स्वेटर और जूते-मोजे देने का भी योगी शासन ने वादा किया है. सर्दी के मौसम को दो माह बीत चुके है लेकिन अभी तक बच्चों को देने के लिए न तो स्वेटर आये और न ही जूते-मोजे. जिस कारण बच्चे इस ठिठरन भरी सर्दी में बिना स्वेटर ही पढ़ने को मजबूर हैं, हालांकि जिन बच्चों के पास स्वेटर है वह पहनकर स्कूल आते हैं. झांसी के प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल बताते हैं कि स्वेटर चुनाव के कारण नहीं आ पाए हैं. अभी टेंडर भी नहीं हुए है लगता है इस माह के आखिर तक आ जायें.

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ठिठुरने को मजबूर स्कूली बच्चे

पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया का भी यही हाल है. यहां भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिली जो कंपा देने वाली थीं. देवरिया जनपद में जब हमने सरकारी प्राथमिक स्कूलों की तरफ रुख किया तो तस्वीरें हैरान करने वाली थीं. स्कूलों में स्वेटर नहीं मिलने से गरीब छात्र ठंढ में पढ़ रहे थे. इनके पैर में जूते नहीं थे. इन बच्चों का कहना है कि हमें स्वेटर नहीं मिला और ठण्ड काफी है. बिना स्वेटर के ही हम स्कूल आ रहे हैं.

देवरिया में स्कूल के सहायक अध्यापक ने बताया की जानकारी तो मिली थी कि स्वेटर और जूते-मोजे बच्चों को उपलब्ध कराने हैं लेकिन अभी तक टेंडर ही नहीं हुआ है. हंगामा बढ़ने पर लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिसम्बर में स्वेटर और मोजे बच्चों को मिल जाएंगे. बहरहाल आधी सर्दी तो निकल गई अब देखना है कि जनवरी में बच्चे स्वेटर पहन पाते हैं कि नहीं.

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