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पुणे के बाद अब लखनऊ में भी शरजील के खिलाफ केस, कानूनी कार्रवाई की मांग

महाराष्ट्र के पुणे में 30 जनवरी 2021 को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान शरजील उस्मानी पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.

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शरजील उस्मानी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज में भी मामला दर्ज (File-TWT)
शरजील उस्मानी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज में भी मामला दर्ज (File-TWT)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुणे में शरजील के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआईआर
  • वीडियो वायरल होने के बाद लखनऊ में भी मामला दर्ज
  • दर्ज FIR में 124 ए यानी राजद्रोह का आरोप लगा

पुणे में एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान एएमयू के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी की भारत और हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काऊ बयाने देने के मामले में अब लखनऊ में भी मामला दर्ज कराया गया है. इससे पहले पुणे में शरजील के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज में भी मामला दर्ज कराया गया. लखनऊ के ही अनुराग सिंह नाम के व्यक्ति ने यूट्यूब पर अपलोडेड वीडियो के वायरल होने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस शिकायत के आधार पर 124 ए, 153 ए, 153 ए (2), 153 बी (1) (सी), 295 ए, 298, 504, 505 (1) (बी), 505 (2) और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

महाराष्ट्र के पुणे में 30 जनवरी 2021 को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान शरजील उस्मानी पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.

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पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में एक दिन पहले शरजील के खिलाफ IPC की धारा 153-ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि पुणे के बीजेपी नेताओं की ओर से शरजील की जल्द गिरफ्तारी की मांग की जा रही है. साथ ही उसके खिलाफ दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 124-A यानी राजद्रोह का आरोप जोड़ने की मांग की गई है.

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शरजील सीएए के खिलाफ चले आंदोलन में बड़ा चेहरा रहा है. वह सीएए के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हुए आंदोलनों में शामिल रहा था. यूपीए एटीएस ने पिछले साल जुलाई में शरजील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हालांकि सितंबर में कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था.

पिछले साल चार नंवबर को यूपी सरकार ने शरजील के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की और उसे जिला बदर कर दिया.
 

 

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