यूपी सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी में अंदरूनी घमासान की खबरों को खंडन किया है. यूपी चुनाव पर 'पंचायत आज तक' के मंच से शिवपाल ने कहा कि उन्होंने कभी सपा से इस्तीफे की बात नहीं की. शिवपाल ने कहा कि कौमी एकता दल का जल्द ही समाजवादी पार्टी में विलय होगा. इस ओर आखिरी फैसला नेताजी ही लेंगे.
शिवपाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि कौमी एकता दल का विलय जल्द ही होगा. नेताजी भी इसके लिए तैयार हो गए हैं. जल्द ही वह इस ओर अाखिरी फैसला लेंगे.'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी की वजह से कौमी एकता दल से हाथ मिलाने के सख्त खिलाफ हैं. कौमी एकता दल को लेकर उनका विरोध किसी से छिपा नहीं है और वह सार्वजनिक मंच से भी कर चुके हैं, क्योंकि पार्टी अपने काम के दम पर चुनाव जीत सकती है और उन्हें ऐसे किसी भी दल की जरूरत नहीं है. अखिलेश के कड़े विरोध और उनके तेवर को देखते हुए एक बार कौमी एकता दल से हाथ मिलाने के बाद समाजवादी पार्टी ने फैसला पलट लिया था और ऐलान किया था कि अब मुख्तार अंसारी की पार्टी से उनका कोई लेना देना नहीं होगा.
अखिलेश ही होंगे सपा का चेहरा
पिछले दिनों मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी की शिवपाल यादव, आजम खान और मुलायम सिंह यादव से मुलाकात हो चुकी है. 'पंचायत आज तक' में शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि आने वाले चुनाव में चेहरा तो अखिलेश यादव का होगा. लेकिन सभी बड़े फैसले मुलायम सिंह यादव ही करेंगे, क्योंकि वही पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं.
किसी अपराधी को नहीं देंगे टिकट
शिवपाल यादव ने साफ शब्दों में कहा कि यूपी चुनाव में उनकी पार्टी ऐसे किसी व्यक्ति को टिकट नहीं देगी, जो आपराधिक चरित्र का है. उन्होंने कहा, 'सभी से एफिडेविट लिया जाएगा. किसी भी ऐसे व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा. जिताऊ और टिकाऊ कैंडिडेट को ही टिकट मिलेगा. किसी ऐसे को टिकट नहीं देंगे जो जेल में है. ' हालांकि, उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि राजनीति में फर्जी आरोप लगाकर भी मुकदमा दर्ज करवाया जाता है.
यूपी को अखिलेश के विजन की जरूरत
उन्होंने इसके साथ ही अखिलेश यादव सरकार की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, 'यूपी को आज युवा नेतृत्व की जरूरत है. यक टेक्नोलॉजी का दौर है. अखिलेश के विजन की आज उत्तर प्रदेश को जरूरत है.' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश को अभी अनुभव पाने में वक्त लगेगा.
'रामवृक्ष को जानता भी नहीं'
शिवपाल यादव ने रामवृक्ष यादव और जबरन जमीन कब्जा करने के मुद्दे पर भी चुप्पी तोड़ी . उन्होंने कहा, 'मैं कभी रामवृक्ष से नहीं मिला. मैं तो उसे पहचानता भी नहीं. मुझे जैसे ही जमीन कब्जा की जानकारी मिली, मैंने कार्रवाई के आदेश दिए. जहां तक आरोपों की बात है तो जांच के बात सब सामने आ जाएगा.'
नेताजी ने ही लालू-नीतीश को मिलाया
यूपी चुनाव में गठबंधन और बिहार में महागठबंधन से अलग होने के सवाल पर शिवपाल ने कहा, 'मुलायम सिंह हमेशा बीजेपी के खिलाफ रहे हैं. इसलिए बीजेपी से गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता. जहां तक बात बिहार की है तो लालू-नीतीश को एक साथ लाने वाले नेताजी ही हैं. अगर लालू और नीतीश साथ नहीं आते तो बिहार में महागठबंधन की सरकार नहीं बनती. बिहार में आज समाजवादी लोगों की सरकार है.'
शामली में की गर्इ दंगा भड़काने की कोशिश
पीडब्लूडी मंत्री ने उन आरोपों का खंडन किया कि बीजेपी के साथ समाजवादी पार्टी का गुपचुप तालमेल है. शिवपाल यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में दंगे भड़काकर चुनाव जीतना चाहती है. उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ ऐसे लोग हैं जो दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. शामली में लोगों ने ऐसा करने का प्रयास किया गया.
उन्होंने कहा कि इस आरोप में कोई दम नहीं है कि केंद्र सरकार सीबीआई का डर दिखाकर मुलायम सिंह यादव पर दबाव डालती है और मनचाहे काम करवाती है.