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नोएडा में भी ऑक्सीजन का संकट, एक अस्पताल में 12 घंटे में दो बार अटकी मरीजों की सांसें

नोएडा में कोविड-19 मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. ऐसे में नोएडा के अस्पतालों को रोज 60 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग सिर्फ 30 टन यानी 50 फ़ीसदी ऑक्सीजन का इंतजाम कर पा रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अस्पताल के कर्मचारियों ने ऑक्सीजन के लिए 100 से ज्यादा बार कंपनी में कॉल किया
  • तकरीबन 40 मिनट तक मरीजों को नहीं मिली ऑक्सीजन

दिल्ली के अलावा अब नोएडा में भी ऑक्सीजन की तलाश शुरू हो गई है. जरूरत के मुताबिक अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि सेक्टर 39 के कॉमेडी नाइन हॉस्पिटल में पिछले 12 घंटे में दो बार ऑक्सीजन खत्म हो गई और मरीजों के साथ से अटक गई.

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मंगलवार की सुबह तड़के करीब साढ़े 4 बजे भी ऐसा ही हुआ. वहीं दूसरी बार शाम करीब 5 बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई. मतलब, 12 घंटों में दो बार अस्पताल को ऑक्सीजन क्राइसिस से गुजरना पड़ा. अस्पताल के कर्मचारियों ने ऑक्सीजन के लिए 100 से ज्यादा बार कंपनी में कॉल किया, लेकिन 40 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं मिली. इस स्थिति में आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों ने हांफना शुरू कर दिया.

हैरानी की बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर जिले के बाकी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी अब महसूस की जाने लगी है. जिले को करीब 60 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि बमुश्किल 30 टन रोजाना मिल रही है. ऐसे में करीब 30 टन ऑक्सीजन की कमी का सामना जिले को करना पड़ रहा है. यही वजह है कि जिले के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में पिछले तीन-चार दिनों से बार-बार ऑक्सीजन खत्म होने की खबरें आ रही हैं.

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नोएडा में कोविड-19 मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. ऐसे में नोएडा के अस्पतालों को रोज 60 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग सिर्फ 30 टन यानी 50 फ़ीसदी ऑक्सीजन का इंतजाम कर पा रहा है. जिले में 18 कोविड अस्पताल हैं. इनमें दो एल-3 और 16 एल-2 श्रेणी के हैं. ऑक्सीजन की खपत तेजी से बढ़ती जा रही है. ऑक्सीजन सपोर्ट वाला संक्रमित मरीज प्रत्येक दो घंटे में 60 से ज्यादा सिलेंडर खाली कर रहा है.

 

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