उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बुधवार की रात दो बहनों का कथित रूप से सामूहिक बलात्कार करने के बाद फांसी पर लटका दिया गया. लोगों ने पुलिस पर लापरवाही और साजिश रचने का आरोप लगाया है. नाराज ग्रामीणों ने उसहैत-लिलवां रूट को आठ घंटों तक जाम रखकर प्रदर्शन किया. लोगों की मांग थी कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौके पर नहीं आते, तब तक किसी कीमत पर शव को पेड़ पर से नहीं उतारा जाएगा.
पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना ने बताया कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा गांव में 14 और 15 साल की दो चचेरी बहनें रात को शौच करने के लिये गांव के बाहर गयी थीं. उनके घर ना लौटने पर परिजन ने रात भर उनकी तलाश की. गुरुवार सुबह एक बागीचे में आम के पेड़ से दोनों लड़कियों के शव लटकते पाए गए.
इस मामले में दो आरोपी सिपाहियों के खिलाफ वारदात की साजिश रचने का मामला दर्ज करके उन्हें निलम्बित कर दिया गया है. इसके अलावा चौकी प्रभारी रामविलास यादव को भी लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किया गया है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब वो लड़कियों के गुम होने की शिकायत लेकर कटरा चौकी पहुंचे तो वहां तैनात सिपाही ने पहले तो कोई कार्रवाई नहीं की. जब लोगों ने हंगामा मचाया तो खानापूर्ति के लिए पप्पू और बृजेश नामक आरोपियों को पकड़ा. मगर थोड़ी ही देर बाद दोनों को छोड़ दिया. कुल सात आरोपियों में से पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है. इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पैमाने पर पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है.