खजाने का सपना देखने वाले शोभन सरकार के शिष्य और प्रवक्ता स्वामी ओम के बारे में नए तथ्य सामने आए हैं. नरेंद्र मोदी को संवाद की चुनौती देने वाले स्वामी ओम किसी जमाने में कांग्रेस से जुड़े थे.
ओम बाबा के पुराने साथियों के मुताबिक, उनका असली नाम ओम अवस्थी है और इंदिरा गांधी के जमाने में वह कांग्रेस में थे. मेरठ में उन्होंने कांग्रेस का छात्र संगठन NSUI ज्वॉइन किया था. वह यूथ कांग्रेस के महामंत्री तक रह चुके हैं. लेकिन जल्दी ही राजनीति से उनका मोहभंग हो गया और वह अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े.
गौरतलब है कि शोभन सरकार की ओर से सारे बयान स्वामी ओम ही देते हैं. उन्होंने ही नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर संवाद करने की चुनौती दी थी.
चिट्ठी में उन्होंने मोदी से पूछा था कि उनकी रैलियों में लग रहा पैसा कहां से आ रहा है और एनडीए कार्यकाल के समय काला धन वापस क्यों नहीं लाया गया. खजाने की खुदाई पर सवाल उठाने वाले मोदी इस चिट्ठी के बाद बैकफुट पर आ गए थे और ट्वीट करके संत शोभन सरकार की त्याग-तपस्या को प्रणाम किया था.
स्वामी ओम की पृष्ठभूमि के बारे में नए खुलासे के बाद बीजेपी और आक्रामक हो सकती है. पार्टी पहले ही स्वामी ओम की चिट्ठी की भाषा पर नाराजगी जाहिर कर चुकी है.