लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को लेकर विपक्षी पार्टियों ने पूरे उत्तर प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन किए. वहीं, दूसरी ओर विरोध प्रदर्शनों को लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर रहा. पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखीमपुर पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया. इसे लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने अपने जिलों में विरोध प्रदर्शन किया.
अखिलेश की गिरफ्तारी और किसानों के समर्थन में इटावा में भी सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. कार्यकर्ताओं ने सपा कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक नारेबाजी और हंगामा किया.
उधर, जैसे ही लखनऊ में प्रसपा के नेता शिवपाल सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया, तो इटावा में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी पीछे नहीं रहे और वह भी सड़कों पर उतर कर कलेक्ट्रेट के अंदर हंगामा करने लगे. शिवपाल सिंह यादव के बेटे अंकुर यादव इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे.
सपा-प्रसपा ने बनाई दूरी, नारेबाजी की रही होड़
प्रसपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट भवन में एक पेड़ के नीचे बैठक कर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, सपा के कार्यकर्ता डीएम कार्यालय में बैठकर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद प्रसपा कार्यकर्ताओं ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. इसे देखकर ऐसा लग रहा था कि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक दूसरे के साथ नारेबाजी और प्रदर्शन में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी में भी दिखी होड़
प्रसपा कार्यकर्ता जब अपना धरना प्रदर्शन कर रहे थे, तभी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने सपा के प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस की 2 गाड़ियां मंगवाईं तो ऐसी स्थिति में प्रसपा कार्यकर्ताओं ने आगे रहते हुए पहले गिरफ्तारी दी और गाड़ियों में बैठने लगे तो मजबूरी में जिला प्रशासन ने उनको पहले हिरासत में लिया. इसके बाद एक निजी बस मंगाई गई जिसमें सपा के कार्यकर्ताओं को बैठाया गया.
हालांकि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता भी बड़े असमंजस में रहे, कुछ ऐसे कार्यकर्ता जो दोनों पार्टियों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते थे वह कलेक्ट्रेट में प्रवेश करते ही नदारद हो गए, उनके लिए स्थिति गंभीर हो गई तो वह दाएं बाएं खिसक लिए.
(इनपुट- अमित तिवारी)