scorecardresearch
 

सपा-बसपा गठबंधन में फूट से बीजेपी गदगद, नेता बोले- ये तो होना ही था

यूपी बीजेपी के अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि हमने कई बार ये बात कही थी कि इस गठबंधन के पीछे कोई नीति नहीं है बल्कि सत्ता में आने के लिए गठबंधन है.

Advertisement
X
बीजेपी नेता जेपी नड्डा के साथ महेंद्र पांडेय (फोटो-टि्वटर)
बीजेपी नेता जेपी नड्डा के साथ महेंद्र पांडेय (फोटो-टि्वटर)

Advertisement

यूपी में सपा-बसपा गठबंधन टूटने को लेकर अलग अलग नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है. यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गठबंधन टूटने के बारे में चुनाव से पहले ही कह दिया था. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि पहले ही बोला था कि चुनाव बाद अखिलेश के लिए बुआ के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे. कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया कानून मंत्री बृजेश पाठक और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने भी दी.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि सपा कह रही है कि दलित चले गए, बसपा कह रही है कि यादव चले गए लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता ने इन जातिवादियों को तोड़कर बीजेपी को वोट दिया है. इस गठबंधन के बारे में मैंने कहा था कि 23 तारीख के बाद अखिलेश के लिए बुआ के दरवाजे बंद हो जाएंगे. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'सपा-बसपा लोकदल एक होकर लड़ेंगे तो भी हम हराएंगे, अलग अलग होकर लड़ेंगे तो भी हराएंगे. जहां तक मायावती का सवाल है तो जो बीजेपी की सगी नहीं हुई, जिसने उन्हें 3 बार सीएम बनाया तो वह अखिलेश की क्या होंगी? और अखिलेश अपने पिता के नहीं हुए तो मायावती के क्या होंगे? यह तो सांपनाथ और नागनाथ की लड़ाई है, मैंने पहले ही कहा था कि यह टूटने वाला है.'

Advertisement

यूपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि हमने कई बार ये बात कही थी कि इस गठबंधन के पीछे कोई नीति नहीं है बल्कि सत्ता में आने के लिए गठबंधन है. इसलिए इसका ऐसा ही हश्र होना था लेकिन इतना जल्दी हो जाएगा ये आश्चर्य की बात है. उन्होंने यह भी कहा कि उपचुनाव से दूर रहने वाली पार्टी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उपचुनाव में आ रही है. बीजेपी शानदार तरीके से चुनाव लड़ेगी. ये उनका सुधार कार्यक्रम है, कौन किसका सुधारेगा, कौन किसका बिगाड़ेगा या नागनाथ सांपनाथ के अलंकार फिर से दोहराएंगे ये उत्तर प्रदेश की जनता देखेगी.

गठबंधन टूटने पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि 'हमें पूरी तरीके से यह आभास था कि गठबंधन टूटेगा. यह तय था क्योंकि यह सिर्फ स्वार्थ पर आधारित गठबंधन था. इस गठबंधन का कोई न्यूनतम कार्यक्रम नहीं था. जनता से जुड़ा कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं था, स्वार्थों का गठबंधन अपने आप टिकाऊ नहीं होता है. वही हुआ जो होना चाहिए था. आज एक दूसरे पर ये ताने मार रहे हैं, आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, तू तू मैं मैं पर उतर आए हैं, कोई बड़ी बात नहीं.'

गौरतलब है कि मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मायावती के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन मंगलवार को आजमगढ़ में कहा कि 2022 में जब विधानसभा चुनाव होंगे तब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाएगी. इसे सपा के विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है.

Advertisement

मायावती ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन से विराम ले रही हैं. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा "यह एक स्थायी विराम नहीं है." उन्होंने समाजवादी पार्टी को अपने कैडर में सुधार लाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यादव मतदाताओं ने गठबंधन का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा, "अगर यादवों ने गठबंधन को भारी संख्या में वोट दिया होता तो डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव जैसे वरिष्ठ सपा नेता यादव बहुल सीटों से नहीं हारते. यह समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का विषय है."

बसपा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी को समाजवादी पार्टी के आधार वोट से कोई फायदा नहीं हुआ है. मायावती ने कहा, "हालांकि, हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते और हम विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगे. हालांकि, यह रास्ते का अंत नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं में एक मिशनरी उत्साह पैदा करती है और अपने प्रदर्शन में सुधार करती है, तो हम देखेंगे." मायावती ने अखिलेश यादव और उनके परिवार के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की और कहा कि उन्होंने उन्हें बहुत सम्मान दिया. उन्होंने कहा, "हमारा संबंध समाप्त नहीं होगा हालांकि राजनीति एक और पहलू है"    

Advertisement
Advertisement