यूपी की सपा सरकार अपनी योजनाओं में लगातार पलटी मार रही है. सपा सरकार ने अब 'विवाहित' को 'बेटी' मानने से इनकार कर दिया है. अल्पसंख्यक बेटियों के लिए शुरू की गई योजना 'हमारी बेटी-उसका कल' को लेकर पूरे प्रदेश में उलझन की स्थिति पैदा हो गई है.
दरअसल, योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में कुछ ऐसे हाईस्कूल पास छात्राओं के आवेदन फॉर्म आ गए हैं, जो शादीशुदा हैं. सरकार ने फिलहाल विवाहितों को योजना के तहत 'बेटी' मानने से इनकार कर दिया है. ऐसे में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी विवाहित छात्राओं के फॉर्म को अलग कर दिया है.
योजना के तहत हाईस्कूल पास अल्पसंख्यक छात्राओं को 20 हजार रुपये की इमदाद की जानी है. इसके लिए पूरे प्रदेश में अलग से बजट भेजा गया है. मसलन, अगर पीलीभीत जिले का उदाहरण लें तो यहां अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पास 1928 छात्राओं को आर्थिक मदद देने के लिए तीन करोड़ 85 लाख 60 हजार का बजट पहुंच गया है. इस जिले में आर्थिक मदद पाने के लिए 2032 फॉर्म जमा हुए हैं. इनमें 18 फॉर्म विवाहित छात्राओं के हैं.
बहरहाल, सरकार के रवैये के बाद विभाग का कहना है कि हाई स्कूल पास विवाहित छात्राओं को इमदाद देनी है या नहीं, इसे लेकर शासनादेश जारी किया जाएगा. उसके बाद ही विभाग द्वारा फॉर्मो पर कोई विचार मुमकिन हो सकेगा, वहीं मामले को लेकर छात्राओं में रोष है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं 'सपा सरकार अपनी ही नीतियों को लगातार पलट रही है, इससे साबित होता है कि इनकी योजनाएं जनकल्याणकारी न होकर महज दिखावेबाजी वाली थीं. अब योजनाओं की असलियत सामने आ रही है.