राजधानी लखनऊ में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. खूनी खेल बदस्तूर जारी है. इस बार दुबग्गा में एक सपा नेता को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया.
हाजी कॉलोनी में शनिवार दोपहर जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच हुआ विवाद खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया. लग्जरी वाहनों में सवार होकर आए दबंगों ने सपा की प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य हाजी कमाल अहमद (62) की गोली मारकर हत्या कर दी. गोली लगने से उनके तीन बेटे व दो भाई भी घायल हो गए. पेट में गोली लगने से घायल एक बेटे की हालत गंभीर बताई जा रही है. हमलावरों ने हाजी कमाल की रिवाल्वर व रायफल छीन ली और उससे भी गोलीबारी की. ग्रामीणों के एकत्रित होने पर हमलावर एक कार व तीन बाइक छोडक़र भाग निकले.
उल्लेखनीय है कि हाजी कमाल ने 2007 में राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी से महोना विधान सभा का चुनाव भी लड़ा था. काकोरी थानाक्षेत्र में हरदोई रोड स्थित हाजी कॉलोनी निवासी हाजी कमाल प्लाटिंग का काम भी करते थे. बताया गया कि हाजी कमाल ने अपने घर के पास स्थित एक भूखंड किसी व्यक्ति को बेचा था, जिस पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था. वर्तमान में भूखंड पर हाजी कमाल का ही कब्जा था.
शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे दो स्कार्पियो, एक होंडा सिटी व चार मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एक पक्ष के लोग भूखंड पर पहुंचे और उस पर कब्जे का प्रयास करने लगे. इसकी भनक लगने पर हाजी कमाल अपने बेटे अकरम उर्फ उबैद, अशरफ उर्फ आशू, सावेज, भाई हबीब, रफी व अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंच गए. जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी के बाद मारपीट शुरू हो गई. मारपीट के दौरान ही दूसरे पक्ष के लोगों ने हाजी कमाल की रिवाल्वर व रायफल छीन ली और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी.
पेट व गर्दन के पास गोली लगने से हाजी कमाल की मौत हो गई, जबकि अकरम, अशरफ, सावेज व हबीब गोली लगने से घायल हो गए. वहीं रायफल की बट व ईंट से सिर पर हमला किए जाने से रफी भी लहूलुहान हो गए. अशरफ की जांघ और हबीब व सावेज के हाथ में गोली लगी है.