हाल ही में उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद की ओर से जारी हर मदरसे में 15 अगस्त पर राष्ट्रगान अनिवार्य होने और उसकी वीडियोग्राफी के फैसले पर विवाद हो गया है. सहारनपुर देवबंद से पूर्व विधायक माविया अली का कहना है कि वह इस मुद्दे का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि हम पहले मुसलमान हैं बाद में भारतीय हैं. जिसपर विवाद जारी है. माविया अली 2016 के उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से विधायक बने थे, वहीं 2017 में वह सपा के उम्मीदवार बने थे.
आपको बता दें कि 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मदरसों में 15 अगस्त को सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य किया गया था. उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद की ओर आदेश जारी किया गया था, जिसमें कहा गया है कि राज्य के सभी मदरसों में 15 अगस्त को ध्वरारोहण किया जाए.
इस दौरान राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान को अनिवार्य रूप से गाया जाए. आदेश में कहा गया है कि इसकी वीडियो कवरेज भी कराई जाए. ये आदेश किया गया है. आर्डर में कहा गया है कि इस दौरान सभी मदरसों में स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया जाए, शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए. खेलकूद का आयोजन किया जाए.
गौरतलब कि यूपी में करीब 8000 मदरसे हैं, लेकिन जो मदरसा परिषद के अंतर्गत आते हैं. इनमें से लगभग 560 मदरसे ऐसे हैं जोकि पूरी तरह से यूपी सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त हैं और यूपी सरकार ही इनका खर्च वहन करती है. आपको बता दें कि कल ही मुंबई के बीएमसी ने भी एक प्रस्ताव पारित किया है जिसके मुताबिक उसके अंतर्गत चलनेवाले सभी स्कूलों में वंदे मातरम अनिवार्य होगा. बीएमसी में पास हुए इस प्रस्ताव को कमिश्नर के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है.