समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर से सांसद और पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान पर योगी सरकार द्वारा लगातार दर्ज हो रहे मुकदमों के संबंध में एक जांच कमेटी गठित की है. विधान परिषद में नेता विपक्ष अहमद हसन के नेतृत्व में गठित इस समिति में सपा के कई विधायक और विधान वरिषद सदस्य शामिल किए गए हैं.
कमेटी के सभी सदस्य रामपुर जाकर मामले की जांच करेंगे और वहां से लौटकर अपनी रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा परिषद के सभापति को सौंपेंगे.
आजम पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवारआजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. आजम की गिरफ्तारी जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में हो सकती है. आरोप है कि आजम खान ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने करीबी पूर्व क्षेत्राधिकारी (सीओ) आले हसन खान के सहयोग से मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए कई सौ करोड़ रुपये कीमत की जमीनें हड़प लीं.
इस संबंध में रामपुर के अजीमनगर थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया. आईएएनएस की खबर के मुताबिक आजम पर जबरन जमीन कब्जाने के लिए दो दर्जन से अधिक किसानों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाने और प्रताड़ित करने का आरोप है.
आईएएनएस के अनुसार रामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय पाल शर्मा ने कहा है कि 26 किसानों ने आरोप लगाया है कि आजम खां और आले हसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला.
शर्मा ने कहा है कि जब किसानों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, तो उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया. रामपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी (सीओ) आले हासन ने गरीबों की जमीन हड़पने में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग किया. राजस्व विभाग ने सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की जांच की और किसानों के बयान दर्ज किए गए, जो मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. जांच में तथ्यों की पुष्टि होने के बाद आजम खान के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया.