भारतीय समाज में मान्यता के मुताबिक बुरी नजर से बचाव के लिए झाड़-फूंक और पूजा-पाठ का सहारा लिया जाता है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी ऐसा ही हो रहा है. उनके वाराणसी आगमन के ठीक पहले मोदी समर्थकों ने काशी के कोतवाल और बुरी नजर को दूर करने वाले देवता कालभैरव के मंदिर में पीएम मोदी के कटआउट के साथ न केवल विशेष पूजा की बल्कि नरेंद्र मोदी की झाड़-फूंककर नजर भी उतारी.
लोकसभा चुनाव में मिली अभूतपूर्व जीत के बाद पीएम मोदी उत्तर प्रदेश और अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपने पहले दौरे पर आ रहे हैं. इसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी ओर नरेंद्र मोदी के समर्थकों को नरेंद्र मोदी पर बुरी नजर का डर सता रहा है. यही वजह है कि मोदी समर्थक काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा कालभैरव के दरबार में अर्जी लगाने पहुंचे ताकि बुरी नजर से पीएम मोदी को बचाया जा सके.
काशी स्थित कालभैरव मंदिर
इसके लिए बकायदा कालभैरव के पुजारियों ने रविवार के खास दिन पीएम मोदी के प्रतीक स्वरूप मोदी के कटआउट का कालभैरव के दंड से झाड़-फूंक की और कालभैरव के रक्षा कवच के रूप का गंडा भी बांधा.
पुजारियों ने बटुक भैरव स्त्रोत, कालभैरव अष्टक स्त्रोत और नवग्रह शांति पूजन भी किया. पुजारियों और मोदी समर्थकों को पूरी उम्मीद है कि इस उपाय से देश के प्रधानमंत्री पर लगी सभी बुरी नजर बाधा से मुक्ति मिलेगी और उनपर बाबा कालभैरव का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा.
इसके अलावा कालभैरव के पुजारियों ने बकायदा मंदिर के गर्भगृह में भी मोदी के कटआउट ले जाकर सरसों के तेल, शराब और मिठाई से पीएम मोदी की नजर उतारकर बाबा का आशीर्वाद दिलवाया. फिर मिठाई को परंपरानुसार मंदिर के बाहर स्वान को भी खिलाया गया.
बता दें कि 26 अप्रैल को पीएम मोदी ने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से नामांकन करने से पहले कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक के बाद कहा था कि अब वह चुनाव के बाद ही वाराणसी आएंगे. पीएम मोदी ने अपने नामांकन से पहले 25 अप्रैल को बीएचयू के बाहर महामना मदनमोहन मालवीय की मूर्ति से दशाश्वमेध घाट तक रोड शो किया और उसके बाद गंगा आरती में भाग लिया था. रात को वाराणसी के तीन हजार विशिष्ट लोगों के कार्यक्रम में भाग लिया था.
पीएम मोदी भले ही वाराणसी में चुनाव प्रचार के लिए न आए हों लेकिन उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, यूपी सरकार के कई मंत्री समय-समय पर वाराणसी जाते रहे हैं.