इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका पर सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी है, जिसमें इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई थी. इस भगदड़ में 37 लोग मारे गए थे और 39 अन्य घायल हो गए थे.
न्यायमूर्ति सुशील हरकौली और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता ए के बिसेन से कहा कि वह ‘अदालत को बताये कि किस प्रावधान’ के तहत भगदड़ मामले की न्यायिक जांच के लिए एक आदेश पारित किया जा सकता है.
याचिकाकर्ता स्थानीय अधिवक्ता है, जिसने यह भी मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.
उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले महाधिवक्ता एस पी गुप्त ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं.
इलाहाबाद जंक्शन पर भगदड़ गत 10 फरवरी को हुई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने जहां एक ओर मामले की राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है वहीं रेलवे ने एक रेलबे बोर्ड सदस्य की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है.