उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी विवाद पर छात्रों को अपनी मर्यादा में रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि यूनिवर्सिटी पहुंचने वाले छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा राम नाईक ने केंद्र सरकार की तर्ज पर यूपी के यूनिवर्सिटी में भी तिरंगा फहराने का सुझाव दिया है.
मर्यादा में हो अभिव्यक्ति की आजादी
राम नाईक ने छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी के साथ ही मर्यादा में रहने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए बनाए गए हैं. इसलिए वहां जाने वाले छात्रों को पढ़ाई को ही अपना मकसद रखना चाहिए, राजनीति को नहीं. राजनीति सीखने के लिए भाषण के अभ्यास तक तो ठीक है, मगर सही मायने में राजनीति पढ़ाई के बाद हो तभी ठीक है.
पढ़ें:JNUSU ने रजिस्ट्रार के दावों को बताया झूठा
राजनीति अच्छी, पर पढ़ाई को नहीं भूलें
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी का समय छात्र जीवन का बहुत खास समय होता है. उस समय में छात्रों की सबसे ज्यादा शारीरिक, मानसिक प्रगति होनी चाहिए. छात्र राजनीति, इलेक्शन, कॉम्पिटीशन और डिबेट हों तो अच्छा है, मगर मुख्य मकसद पढ़ाई को नहीं भूलना चाहिये. अपनी सीमाएं और मर्यादाएं नहीं भूलनी चाहिए.
कुलपतियों का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव
राम नाईक ने बताया कि राज्य के यनिवर्सिटी में कुलपतियों का कार्यकाल तीन साल से बढ़ा कर पांच साल करने को लेकर एक प्रस्ताव उन्होंने सीएम अखिलेश यादव को दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तर्ज पर ही राज्य स्तर की यूनिवर्सिटी में भी कुलपतियों को अपने ढंग से सुधार करने के लिए पूरा वक्त मिले. राज्यपाल ने साफ किया कि तीन महीने बाद भी इस सुझाव पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
स्टेट यूनिवर्सिटी में भी फहरेगा तिरंगा
केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्यपाल ने एक और सुझाव रखा है. इसके तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तरह ही राज्य संचालित यूनिवर्सिटी में भी तिरंगे का फहराना अनिवार्य कर दिया जाए. राम नाईक ने बताया कि इसके लिए उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिख कर उनके विभागीय निर्देशों का डीटेल मंगवाया है. उसकी मदद से राज्य के स्तर पर नये नियमों को तैयार किया जा सकेगा.