scorecardresearch
 

अखिलेश सरकार के गले की फांस बना गन्ना

चीनी मिलों को राहत देने के बाद भी किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान न होना यूपी की अखिलेश यादव सरकार के गले की फांस बन गया है. कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग गन्ना मूल्य और ब्याज की अदायगी कराने में नाकाम रहा है.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

चीनी मिलों को राहत देने के बाद भी किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान न होना यूपी की अखिलेश यादव सरकार के गले की फांस बन गया है. कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग गन्ना मूल्य और ब्याज की अदायगी कराने में नाकाम रहा है.

Advertisement

हाईकोर्ट में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी. सरकार को तीन हलफनामे दाखिल करने होंगे. गन्ना किसानों के लिए चालू सीजन भी मुश्किलों भरा है. उनका आक्रोश बढ़ रहा है. अब भी पिछले पेराई सत्र का 550 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मिलों ने काफी भुगतान दे दिया है, लेकिन चालू सीजन का गन्ना मूल्य अटक गया है.

चालू सत्र में मिलों पर 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया हो गया है. किसान नेता वीएम सिंह का कहना है कि किसानों के खराब हालात और आत्महत्या जैसे कदमों के बाद भी प्रदेश सरकार भुगतान दिलाने के प्रति गंभीर नहीं है. किसान कोई खैरात नहीं मांग रहे हैं, वे उस गन्ना का ब्याज समेत मूल्य मांगे रहे हैं, जो एक साल पहले मिलों को दिया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ जनवरी को राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह की याचिका पर प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि किसानों को पिछले पेराई सत्र का ब्याज समेत भुगतान तीन सप्ताह में कराया जाए. जिस समय सुनवाई हुई, उस समय पेराई सत्र 2012-13 का 1881.27 करोड़ रुपये बकाया था. 31 जनवरी को अगली सुनवाई के समय बकाया राशि 977.77 करोड़ रह गई थी. इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया. कोर्ट ने गन्ना आयुक्त, प्रमुख सचिव और राज्य सरकार को अलग-अलग हलफनामे दाखिल करने के निर्देश दिए.

Advertisement

उधर, बजाज ग्रुप के प्रतिनिधि डीडी पांडेय का कहना है कि चीनी उद्योग गंभीर संकट में हैं. जब पेराई सत्र प्रारंभ हुआ तब पिछले साल का 2400 करोड़ बकाया था. चुनावी साल होने के कारण प्रदेश सरकार ने रंगराजन फार्मूले के अनुसार गन्ना मूल्य घटाकर 225 रुपये करने के बजाय 280 रुपये तय किया. प्रदेश में शुगर इंडस्ट्री का घाटा करीब ढाई हजार करोड़ है. इसके बावजूद चीनी उद्योग ने पिछले सीजन का 93 फीसदी से ज्यादा गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है.

Advertisement
Advertisement