नोएडा के सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Supertech Emerald Court) के ट्विन टावर को गिराने की कार्य योजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है. इसमें नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) के पूर्व सीएमडी अनूप कुमार मित्तल, इंडियन डिमोलिशन एसोसिएशन (आईडीए) और सीबीआरआई के अधिकारी शामिल किए गए हैं. कमेटी के अधिकारियों ने मौके पर जाकर बेसमेंट से लेकर ऊपरी मंजिल तक का निरीक्षण किया है. उसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ उन्होंने आगे की कार्य योजना पर विचार विमर्श किया.
अधिकारियों ने किया निरीक्षण
मंगलवार सुबह को एनबीसीसी के पूर्व सीएमडी, आईडीए और सीबीआरआई के अधिकारियों की टीम ट्विन टावर पहुंची. टीम ने दोनों ही टावर का गहन निरीक्षण किया. आसपास के भवनों और अन्य इमारतों को भी देखा गया. इमारतों से उनकी दूरी की भी जांच की गई.
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार कमेटी ने यह जांच की है कि ट्विन टावर को गिराने के लिए कौन सी इमारत पर किस जगह कितना विस्फोटक लगेगा. इस टीम के कार्ययोजना देने के बाद प्राधिकरण अधिकारी एजेंसी का चयन करेंगे. इसके बाद आवेदन आमंत्रित किया जाएगा. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर आने वाला पूरा खर्चा सुपरटेक बिल्डर को वहन करना है. सुपरटेक बिल्डर भी अपनी ओर से ध्वस्त करने वाली एजेंसी का नाम बता सकता है.
50 मीटर के दायरे खाली होंगे
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि ट्विन टावर को गिराने में कितना विस्फोटक लगेगा, कौन सी इमारत है जो 50 मीटर के दायरे में है, दोनों टावर की कौन सी मंजिल और किस स्थान पर विस्फोटक लगेगा. किसी अन्य भवन या इमारत को नुकसान ना हो पाए, ट्विन टावर को किस साइड गिराना सही होगा. आसपास की कौन सी ऐसी इमारते हैं जहां रहने वालों को खतरा हो सकता है. 24 घंटे पहले किन-किन भवनों को खाली कराया जाएगा. कितने हिस्सों को 24 घंटे पहले सील किया जाएगा. इस पर विचार विमर्श किया गया.